जिंदगी की मसरूफियत ने हमारी जिंदगी से हमारा ही वक्त हमसे छीन लिया है। दिन की शुरुआत से ही दिमाग में दिन भर के कामों की प्लानिंग बन जाती है जिसे पूरा करते करते रात हो जाती है। मशीन की तरह हम 12-14 घंटे काम करते हैं और उसकी बाद थके हुए शरीर को बिस्तर पर आराम के लिए छोड़ देते हैं। जिंदगी की इस बीजी रूटीन में हमारे लिए वक्त कहां है हमें अंदाजा ही नहीं है। आप जानते हैं ये वर्क लोड जिसमें ऑफिस से लेकर घर तक की जिम्मेदारियों का बोझ शामिल है ये आपकी मानसिक स्थिति को कमजोर बना रहा है।
डिप्रेशन और एंजाइटी दो ऐसी मानसिक समस्याएं जिससे ज्यादातर लोग प्रभावित हैं। डिप्रेशन और एंजाइटी के पीछे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और जैविक कारण हो सकते हैं। इन दोनों मानसिक स्थितियों का मुख्य कारण मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन (Chemical Imbalance) है। सेरोटोनिन, डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन बिगड़ने पर मूड खराब रहने लगता है जिसका इलाज दवाओं से और थेरेपी से किया जा सकता है। लम्बे समय तक इस मानसिक स्थिति को कंट्रोल नहीं किया जाए तो इंसान में नकारात्मक सोच बढ़ने लगती है, इंसान हर चीज के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराने लगता है। इस स्थिति में इंसान खुद को नाकाम समझता है और भविष्य को लेकर निराश रहता है।
डिप्रेशन और एंजाइटी से बचाव करना है तो नींद का ध्यान रखें, बॉडी को एक्टिव रखें, हेल्दी डाइट का सेवन करें। शराब, सिगरेट या दूसरे नशीले पदार्थों का सेवन करने से परहेज करें। अकेलापन और सामाजिक अलगाव इस परेशानी को बढ़ाता है इसलिए आप ज्यादा समय दोस्तों के साथ गुजारें। सामाजिक लाइफ इस परेशानी से उबरने में मदद करती है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया अगर आप तनाव और एंग्जाइटी से बचाव करना चाहते हैं तो कुछ ब्रीथिंग एक्सरसाइज कीजिए। स्ट्रेस,डिप्रेशन और एंजाइटी का बेहतरीन इलाज हैं ये तीन ब्रीथिंग एक्सरसाइज। ये तीन चीजें गुस्से पर कंट्रोल करती हैं, धीरज बढ़ाती है और आक्रोश पर लगाम लगाती है। इन्हें करने से मानसिक स्थिति दुरुस्त होती है और सुकून की नींद आती है।
अनुलोम विलोम करें
अगर आप तनाव और एंजाइटी को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप अनुलोम विलोम करें। इसे करने के लिए आप दाएं हाथ का अंगूठा दाहिने नथुने पर रखें और बंद करें। बाएं नथुने से धीरे सांस लें, अब बाएं को बंद करें और दाहिने से सांस छोड़ें। इसी प्रक्रिया को दूसरे नथुने पर दोहराएं। रोज 5-10 मिनट तक इस एक्सरसाइज को करने से ब्रेन शांत होता है और ध्यान केंद्रित करना आसान होता है। अनुलोम-विलोम एक प्राचीन योग है जिसमें बारी-बारी से एक नाक से सांस लेना और दूसरी नाक से छोड़ना शामिल है। यह एक सरल लेकिन प्रभावी प्राणायाम है जो शरीर और मन को शांत करने में मदद करता है। इसे करने से दिमाग में जितनी नकारात्मक सोच और फतूर होता है सब दूर हो जाता है।
भ्रामरी प्राणायाम करें
डिप्रेशन और एंजाइटी से राहत पाने का एक प्रभावी उपाय है भ्रामरी प्राणायाम। इस अभ्यास के जरिए दिमाग शांत रहता है और तनाव कंट्रोल होता है। इस व्यायाम को करने से मस्तिष्क में कंपन उत्पन्न होता है जिससे नर्वस सिस्टम शांत होता है और मानसिक तनाव घटता है। यह मस्तिष्क की अत्यधिक सक्रियता को कम करता है, जिससे बेचैनी और घबराहट में राहत मिलती है। इसे करने से नकारात्मक विचारों पर कंट्रोल रहता है। ये पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को एक्टिवेट करता है, जो शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है और तनाव कम करता है। लगातार इसे करने से नींद में सुधार होता है, मूड में स्थिरता आती है और मानसिक संतुलन बना रहता है। डिप्रेशन और एंजाइटी के लिए ये प्राणायाम असरदार साबित होता है।
उद्गीत प्राणायाम करें
ये योग की श्वास तकनीक है जिसमें सांस लेने के बाद खास तरह से आवाज़ निकालते हुए सांस छोड़ते हैं। यह प्राणायाम दिमाग को शांत करता है, तनाव कंट्रोल करता है और मानसिक एकाग्रता बढ़ाता है। इसे करने से मुंह से हुम्म्म्…जैसी आवाज़ निकलती है। इसे करते समय गहरी सांस ली जाती है और छोड़ते समय धीमे स्वर में गुनगुनाई जाती है। इसे 5-10 बार दोहराने से तनाव कंट्रोल रहता है। इसे करने से ब्रेन को ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में मिलता है। यह प्राणायाम गहरी और नियंत्रित श्वास पर आधारित है, जिससे फेफड़े अधिक मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और वह ऑक्सीजन रक्त के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचती है।
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