आज के समय में अधिकतर लोग बाहर का अनहेल्दी खाना खा रहे हैं, उसपर ज्यादातर लोग सिटिंग जॉब में 8 से 9 घंटे बैठे-बैठे निकाल देते हैं। ऐसे में शारीरिक गतिविधि लोगों के जीवन से खत्म होती जा रही है। वहीं, इसके चलते कई गंभीर परेशानियां भी उन्हें घेर रही हैं। इन्हीं में से एक है कब्ज की समस्या। एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में औसतन लगभग 16 प्रतिशत लोगों को कब्ज की समस्या है, जिनमें से 33.5 प्रतिशत लोगों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है। कब्ज होने पर पीड़ित की रातों की नींद उड़ जाती है। इस समस्या से घिरे होने पर व्यक्ति को मल त्यागने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते समय-समय पर पेट में तेज दर्द, ऐंठन, मतली, सुस्ती और जी मचलने जैसी दिक्कते भी आपको घेर लेती हैं। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं और लाख कोशिश करने के बाद भी आपको कब्ज से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

दरअसल, वैसे तो कब्ज से निजात पाने के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं और चूर्ण उबलब्ध हैं। हालांकि, इससे अलग आप चाहें तो नेचुरल तरीके से भी इस परेशानी से निजात पाने के लिए योगा का सहारा ले सकते हैं। इसी कड़ी में यहां हम आपको 3 ऐसे योगासन बता रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास से कब्ज और ब्लोटिंग की परेशानी से निजात पाई जा सकती है।

वज्रासन

कई योगा एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वज्रासन पाचन को दुरुस्त रखने में बेहद मददगार साबित हो सकता है। ये पैरों और जांघों में रक्त के प्रवाह को बाधित कर इसे पेट के क्षेत्र में बढ़ा देता है, जिससे मल त्याग में सुधार होता है। इस तरह बेहद सरल इस योगासन का अभ्यास आपको कब्ज की परेशानी से निजात दिला सकता है।

इस तरह करें वज्रासन

  • इसके लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं। ध्यान रहे कि इस दौरान आपकी पीठ और सिर एकदम सीधे होने चाहिए।
  • इसके बाद अपनी हथेलियों को घुटनों पर रख लें।
  • इसी अवस्था में 5 मिनट तक बैठते हुए लंबी-लंबी सांसें लें।
  • इससे आपका भोजन तेजी से डाइजेस्ट हो जाएगा।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन का नियमित अभ्यास करने से भी पेट और पाचन अंगों की मालिश होती है, इससे गैस और कब्ज की समस्‍या में काफी राहत मिलती है। इस आसन का नियमित अभ्यास आंतों को उत्तेजित कर कब्ज से छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है।

ऐसे करें पवनमुक्तासन

  • पवनमुक्तासन करने के लिए सबसे पहले कमर के बल सीधा लेट जाएं।
  • इसके बाद गहरी सांस अंदर लेते हुए अपने पैरों को 90 डिग्री तक उठाएं।
  • सांस छोड़ें और पैरों को मोड़कर अपने घुटनों को अपनी छाती तक लाने की कोशिश करें।
  • इसके बाद अपने पैरों को हाथों से बाधंते हुए घुटनों को अपनी उंगलियों से पकड़ें।
  • अब, अपना सिर उठाएं और अपने माथे को अपने घुटनों से छूने की कोशिश करें।
  • इस मुद्रा में रहते हुए सामान्य सांसें ले, थोड़ी देर बाद सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

बालासन

इन सब के अलावा बालासन का अभ्यास भी कब्ज और ब्लोटिंग की परेशानी से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है।

ऐसे करें बालासन

  • इसके लिए सबसे पहले अपने घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • अब, सांस अंदर लेते हुए दोनो हाथों को सीधा सिर के उपर उठा लें।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए पीठ को आगे की ओर झुकाएं और अपनी हथेलियों को जमीन से मिला लें।
  • अपने सिर को जमीन पर टीका लें। इतना करने पर आप आप बालासन की मुद्रा में आ जाएंगे।
  • कुछ मिनटों के लिए इसी मुद्रा में शरीर को रिलॅक्स करें। आप चाहें तो 30 सेकंड या एक मिनट के लिए इसे कर सकते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।