कोविड-19 के संक्रमण के बाद तरह-तरह के वायरस सिर उठाने लगे और लोगों में दहशत फैलाने लगे। कोविड 19 के बाद कुछ वायरस लोगों के लिए सिर दर्द बन गए है उसमें से एक है मंकीपॉक्स। Monkeypox एक वायरस जनित बीमारी है जो पशुओं से इंसानों में फैलती है। 2024 में इस बीमारी ने कुछ समय लोगों में बेहद दहशत फैलाई। उन देशों में इस वायरस के मामले देखे गए जहां ये वायरस बेहद कम या ना के बराबर था। 2022 से लेकर 2023 में कई देशों में इस बीमारी के फैलने के मामले सामने आते रहे। शुरू में यह बीमारी मुख्य रूप से पश्चिम और मध्य अफ्रीका में देखी जाती थी, लेकिन 2022 में इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ते गए।
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने बताया कि मंकी पॉक्स की बीमारी फैलने की शुरुआत कांगो में हुई थी। वायरस के दो स्ट्रेन ने खासतौर पर परेशान किया। क्लेड-I स्ट्रेन मध्य अफ्रीका में जबकि मंकी पॉक्स का ‘क्लेड Ib वेरिएंट नया और अधिक संक्रामक रहा। मंकी पॉक्स जिन देशों में तेजी से फैला उसमें केन्या, रवांडा, युगांडा और बुरुंडी जैसे देश शामिल है।
भारत में केरल में फिर से इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं। केरल के कन्नूर जिले में दो व्यक्तियों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। केरल में परियारम मेडिकल कॉलेज में इन मरीजों का इलाज चल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि जिस बीमारी ने पूरे साल परेशान किया, डराया उसके लक्षण कौन-कौन से हैं और उससे बचाव का तरीका क्या है।
मंकी पाक्स क्या बीमारी है और इसके लक्षण कौन से हैं?
मंकी पॉक्स एक वायरस जनित संक्रमण है जो पॉक्सवायरस परिवार से जुड़ा है। इस बीमारी का पहला मामला 1970 में मिडल अफ्रीका में पहचाना गया था। गुजरे दो से तीन सालों में इस वायरस ने बेहद परेशान किया है। इस वायरस के लक्षणों की बात करें तो इसमें
- तेज बुखार आना
- सिर में तेज दर्द और सूजन होना
- पीठ और मांसपेशियों में दर्द होना
- बुखार कम होने पर स्किन पर चकत्ते आना, ये निशान चेहरे से लेकर बॉडी के बाकी हिस्सों में फैल सकते हैं।
- चकत्तों में खुजली और दर्द होना
- संक्रमण की अवधिक 14 दिनों से 21 दिनों की है।
कैसे फैलती है बीमारी
मंकी पॉक्स की बीमारी जंगली जानवरों से फैलती है। कुछ जानवर जैसे बंदर और गिलहरी इस बीमारी का तेजी से प्रसार करते हैं। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के मुंह, नाक, या आंखों के माध्यम से भी फैलती है। संक्रमित इंसान के थूक,छींक,बलगम,संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर और दूसरी वस्तुओं से भी वायरस फैलता है।
मंकी पॉक्स से बचाव का तरीका
- भीड़ से दूर रहें। संक्रमित मरीज से दूर रहें और चेहरे पर मास्क लगाएं।
- साफ सफाई का ध्यान रखें।
- संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
मंकी पॉक्स का इलाज
मंकी पॉक्स से बचाव के लिए वैक्सीनेशन एक प्रभावी उपाय है।
मंकी पॉक्स के इलाज के लिए एंटीवायरल दवाएं मौजूद नहीं हैं,लेकिन इसके लक्षण जैसे बुखार और दर्द को कम करने के लिए दवाइयां मौजूद हैं।
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