World No Tobacco Day 2020: वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में भी इस वायरस से पीड़ित लोगों में लगातार इजाफा हो रहा है। इस वायरस से संक्रमित लोगों के सीधे संपर्क में आने पर कोई भी इस वायरस का शिकार हो सकता है और ये सिलसिला लगातार जारी है। इसके प्रकोप को कम करने के लिए दुनिया के कई हिस्सों में लॉकडाउन की स्थिति है। कुछ समय पूर्व ही, WHO ने बताया था कि धूम्रपान करने वाले लोग कोविड-19 के शिकार आसानी हो सकते हैं। स्मोकिंग करने वाले लोगों के लंग्स और रेस्पिरेटरी सिस्टम कमजोर रहते हैं इसलिए उन्हें इस घातक वायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आइए जानते हैं कैसे ये वायरस धूम्रपान करने वालों के लिए है अधिक खतरनाक-
धूम्रपान करने वाले हो जाएं सचेत: तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से लोग कोरोना वायरस से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं। राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के डायरेक्टर सर्जिकल ओनकोलॉजी, डॉ. ए.के दीवान के अनुसार धूम्रपान करने वालों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे लोगों के फेफड़े और श्वसन तंत्र में पहले से ही दिक्कतें रहती हैं, इस कारण से धूम्रपान करने वालों में कोविड-19 संक्रमण के गंभीर होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में बढ़ जाता है।
WHO ने इसलिए है चेताया: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार तंबाकू का इस्तेमाल कोविड-19 बीमारी के लक्षणों को और भी ज्यादा गंभीर कर सकता है। वैसे लोग जो स्मोकिंग नहीं करते हैं, उनकी तुलना में, धूम्रपान करने वाले मरीजों पर कोविड-19 के नकारात्मक प्रभाव का खतरा अधिक रहता है। ऐसे लोगों को आईसीयू में भर्ती करने, वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत ज्यादा होती है और स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी सीरियस परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
इन बीमारियों का भी है खतरा: आरजीसीआईआरसी के हेड ऑफ थोरैसिक ओनकोसर्जरी, डॉ. एल.एम डारलोंग के मुताबिक, तंबाकू भारत में कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। पुरुषों में होने वाले करीब 40 प्रतिशत और महिलाओं में होने वाले 20 प्रतिशत कैंसर का संबंध तंबाकू से है। इनमें फेफड़े का कैंसर, हेड एंड नेक कैंसर और मुंह के कैंसर का सीधा संबंध तंबाकू के इस्तेमाल से है। इसके अलावा, धूम्रपान से दिल, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और क्रोनिक रेस्पिरेटरी डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
तंबाकू का सेवन करते हैं तो हर 6 महीने पर जांच जरूरी: फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट,गुरुग्राम के ब्लड डिसऑर्डर्स और बीएमटी (बोन मैरो ट्रांसप्लांट) डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और हेड डॉ. राहुल भार्गव कहते हैं कि वैसे लोग जो तंबाकू का सेवन करते हैं, उन्हें हर 6 महीने में अपना चेकअप कराना चाहिए। वहीं, जो लोग धीरे—धीरे इन उत्पादों को छोड़ना चाहते हैं उन्हें हर छह महीने में एक बार अपने मुंह और फेफड़ों की जांच करवा लेनी चाहिए। इन जांचों को करवाने से अगर कोई व्यक्ति किसी भी कैंसर से ग्रसित होगा तो शुरुआती स्तर पर ही उसकी जानकारी मिल जाएगी। अगर पहले चरण में ही इस बीमारी का पता चल जाता है तो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का भी इलाज संभव है।