Happy International Heart Day 2022: दिल की बीमारी दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों की जान लेती है। आज के भाग दौड़ भरे इस दौर में कई लोग दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं। हाल ही में हार्ट अटैक से कुछ सेलेब्रिटीज की मौत हो गई है। इसलिए यह भ्रांति अब दूर हो जानी चाहिए कि केवल वृद्ध लोगों को ही दिल का दौरा पड़ता है। किसी भी उम्र के लोग हृदय रोग से पीड़ित हो सकते हैं। हृदय रोग के लिए कुछ जोखिम कारक हैं, विशेष रूप से मोटापा, उच्च रक्तचाप, जो युवा लोगों में तेजी से बढ़ रहा है। खराब जीवनशैली की आदतें हृदय रोग में एक प्रमुख योगदानकर्ता हैं।

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने लोगों को हार्ट अटैक की समस्या के प्रति जागरूक करने और उन्हें मौत से बचाने के लिए ‘ वर्ल्ड हार्ट डे ‘ मनाना शुरू किया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता फैलाना है कि हृदय रोगों से कैसे बचा जा सकता है और किन लक्षणों के बाद चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।

क्या है इस साल की थीम? (World Heart Day 2022: Know History and Theme)

लोगों की बिजी लाइफस्टाइल उनके खान-पान और लाइफस्टाइल को प्रभावित करती नजर आ रही है। नतीजतन, हृदय रोग भी बढ़ रहा है। इसकी वजह से सिर्फ बूढ़े ही नहीं बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस 2022 मनाया जाता है। विश्व हृदय दिवस हर साल एक थीम के अनुसार मनाया जाता है। इस हिसाब से इस साल की थीम ‘यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट’ है। इस विषय पर दुनिया भर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।

World Heart Day 2022: Know about Significance and Symptoms Causes

आकाश हेल्थकेयर यूनिट 1 के कार्डियोलॉजी के डॉयरेक्टर डॉ आशीष अग्रवाल ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि, “त्यौहार के सीज़न में बहुत सारे लोगों को हार्ट से सम्बंधित बीमारियों का पता चलता है। वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित होते हैं और स्मोकिंग करते हैं उनमें यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। शराब और नमक वाले स्नैक्स को ज्यादा खाने से फेस्टिव हार्ट सिंड्रोम हो सकता है। जिन लोगों को पहले से ही कोई हार्ट की समस्या होती है, उनके इस सिंड्रोम से पीड़ित होने का ज्यादा ख़तरा होता है। इसलिए नमकीन खाद्य पदार्थों और शराब का ज्यादा सेवन न करें, यहां तक ​​कि सेकेंड हैंड स्मोक से भी दूर रहे। कोई परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर से कंसल्ट करें। हार्ट अटैक के इलाज में देरी से हृदय की मांसपेशियां डैमेज हो सकती है। जब ये मांशपेशियां डैमेज हो जाती हैं तो हार्ट फेल होने, अरहिथमियस और अन्य संभावित जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं।”

हेल्थप्लिक्स EMR के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रोहित चोपड़ा ने जनसत्ता डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि, “ह्रदय से सम्बन्धित बीमारियों की वजह से भारत में मौतें ज्यादा हो रही हैं। कोविड -19 के बाद यह स्थिति और भी ज्यादा भयानक हो गई है। अब युवा लोगों में भी सडेन कार्डिएक अरेस्ट और एक्यूट हार्ट अटैक ज्यादा देखने को मिल रहा है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल, स्मोकिंग, मोटापा और स्ट्रेस से ह्रदय से सम्बन्धित बीमारियां ज्यादा हो रही हैं।”

फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के कार्डिएक साइंसेज़ के चेयरमैन डॉक्टर अजय कौल ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि, “कोविड-19 के बाद सडन कार्डिएक डेथ यानी अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने से मौत एक बड़ी चिंता बनकर उभर रही है जबकि सडन कार्डिएक डेथ और कोविड के बीच सीधा संबंध होने की बात अभी तक साबित नहीं हो पाई है। इसे देखते हुए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत आवश्यक है जिसमें बड़ी मात्रा में फ्लुइड्स लेना और संतुलित आहार का सेवन करना शामिल है। अगर कोविड होने के बाद आप कार्डिएक संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप बहुत थका देने वाले व्यायाम नहीं करें। बॉडी बिल्डिंग व्यायाम शुरू करने या सप्लीमेंट्स लेने से पहले मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह अवश्य कर लें। कोई भी दवा लेने से पहले व्यक्ति को डॉक्टर से सलाह अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इसके कारण खून के गाढ़ा होने की समस्या शुरू हो सकती है।”