महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को 45 की उम्र के बाद कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, खासतौर पर मेनोपॉज यानी मासिक धर्म का प्राकृतिक रूप से बंद हो जाना। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव होते हैं और इस तरह महिलाएं न सिर्फ शारीरिक बल्कि कई तरह की मानसिक चुनौतियों से भी गुजरती हैं। जैसे मूड स्विंग, डिप्रेशन, वजन बढ़ना, उदासी, चिड़चिड़ापन बढ़ना, बालों का झड़ना और मांसपेशियों का कमजोर होना आदि शामिल है। ऐसे में महिलाओं को अपने खानपान से लेकर अपनी लाइफस्टाइल तक हर चीज का ध्यान रखने की जरूरत होती है।

दिल्ली के मणिपाल अस्पताल में स्त्री रोग विभाग की कंसल्टेंट डॉ. लीना एन. श्रीधर के मुताबिक, मासिक धर्म का बंद होना हर महिला के लिए एक अलग तरह का अनुभव होता है। इसका असर उसके स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। ताकि इस बदलाव को आसान बनाया जा सके।

पेरिमेनोपॉज के दौरान आपके पीरियड्स को प्रभावित करने वाले हॉरमोन परिवर्तन आपकी भावनाओं को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा 40 और 50 की उम्र ऐसी होती है जब जीवन का दबाव सबसे ज्यादा होता है। इस उम्र में कई महिलाएं नौकरियां संभाल रही होती हैं, छोटे बच्चों की परवरिश कर रही होती हैं या बड़े बच्चों का ध्यान और बूढ़े माता-पिता की देखभाल कर रही होती हैं। जो तनाव और मानसिक हेल्थ को प्रभावित करती है।

महिलाओं को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

जो महिलाएं कामकाजी हैं, उन्हें काम के दौरान कुछ मिनटों का ब्रेक लेना चाहिए और थोड़ा ध्यान करना चाहिए। अपने आहार को स्वस्थ और संतुलित बनाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही कुछ समय अपने लिए निकालें और रोजाना व्यायाम करें।

खुलकर बात करें

अगर आपको जरूरत महसूस हो तो अपने परिवार के सदस्यों से इस बारे में खुलकर बात करें। यह कोई गलत बात नहीं है जिसे हमें छिपाना चाहिए। इसके अलावा अपने दोस्तों से इस बारे में बात कर सकते हैं। ताकि वे आपकी मदद कर सकें। ऐसे लोगों से बात करें जो ऐसी ही चीजों का अनुभव कर रहे हैं। इससे आपको स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी।

देखभाल

ऐसी स्थिति में खुद का ख्याल रखें। अपने स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें। अपने डेली रूटीन में तनाव कम करने वाली गतिविधियों को शामिल करें। मूड स्विंग और थकान को कंट्रोल करने के लिए माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन का अभ्यास करें और हल्का व्यायाम करें।

इसके अलावा खाने के बाद इन 2 चीजों को तुरंत चबा लीजिए, पाचन तंत्र करने लगेगा तेजी से काम, सुबह उठते ही पेट की हो जाएगी सफाई।