बढ़ता मोटापा लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। मोटापा को कम करने के लिए सबसे बड़ा आसरा जिम का ही होता है, जहां जाकर लोग घंटों वर्कआउट करते हैं। एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिक जिम में वर्कआउट करके आप आसानी से अपने बढ़ते मोटापा पर काबू पा सकते हैं। वेट लॉस जर्नी में लोग बेसब्र ज्यादा होते हैं और घंटों जिम में जाकर बिना एक्सपर्ट की सलाह के भारी-भारी डंबल उठाते हैं, एक ही तरह की रोज कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं जिससे उनका वजन कम हो ना हो लेकिन परेशानियां बढ़ जाती है।
आप जानते हैं कि बिना एक्सपर्ट की निगरानी में वर्कआउट करने से आपकी मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है। गलत पॉश्चर में एक्सरसाइज करना , अपनी क्षमता से अधिक वजन उठाना, या बिना सोचे-समझे अनुभवी लोगों की नकल करना ये कुछ ऐसी आम गलतियां हैं जो जिम में गंभीर चोटों का कारण बनती हैं।
ऑर्थोपेडिक सर्जन के मुताबिक बिना एक्सपर्ट की देखरेख के जिम करने से आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। मुंबई के जाने-माने डॉक्टर अमीन राजानी जो घुटने, कंधे और कूल्हा के एक्सपर्ट है, ने बताया अगर जिम में सही तकनीक से वर्कआउट किया जाए तो मांसपेशियों के साथ-साथ हड्डियां, जोड़ों और लिगामेंट्स को भी मजबूत बनाया जा सकता है। ये शरीर का लचीलापन (फ्लेक्सिबिलिटी), पोस्चर और संतुलन को बेहतर करता है, जिससे उम्र बढ़ने के साथ आने वाली अड़चन से बचाव होता है और रोजमर्रा की जिंदगी में चोट लगने का खतरा भी कम होता है। डॉक्टर ने बताया अगर आप जिम करते हैं तो एक्सपर्ट ट्रेनर की निगरानी में जिम करें।
जिम में चोटें क्यों आती है और घुटनों पर कैसे पड़ता है असर?
डॉक्टर ने बताया अधिकतर जिम से जुड़ी चोटें बॉडी को ज़्यादा लोड देने, वॉर्मअप न करने या गलत फॉर्म में एक्सरसाइज करने से होती हैं। कुछ मामूली चोटें जैसे मोच आना तो आसानी से ठीक हो जाता हैं, लेकिन कई बार लिगामेंट फटना, रोटेटर कफ इंज्यूरी, घुटने के कार्टिलेज को नुकसान या हड्डियों में स्ट्रेस फ्रैक्चर जैसी गंभीर स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं, जिनके लिए डॉक्टर की मदद या सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
डॉ. राजानी ने बताया हमारी बॉडी हमेशा चोट और परेशानी के संकेत देती है जैसे लगातार दर्द होना, सूजन होना, जोड़ों में अस्थिरता, मूवमेंट में कमी या किसी जोड़ में अचानक ‘पॉप’ जैसी आवाज़ आना। अगर आराम करने के बाद भी 2-3 दिन में ये लक्षण ठीक नहीं होते हैं, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है और आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
जिम करते हैं, हड्डियों और जोड़ों की चोट से बचने के लिए अपनाएं ये तरीका
- डॉक्टर ने बताया हर वर्कआउट से पहले सही तरीके से वॉर्म-अप करें।
- व्यायाम के दौरान तकनीक पर ध्यान दें।
- जल्दी-जल्दी भारी वजन उठाने की जिद न करें। ऐसा करने से आपकी कमर पर दबाव पड़ेगा,घुटनों पर असर होगा।
- अपने शरीर की सुनें और लिमिट को समझें।
- धीरे-धीरे एक्सरसाइज को बढ़ाए और उसका समय भी। एक्सपर्ट ट्रेनर की देखरेख में एक्सरसाइज़ करें।
- जोड़ों को पर्याप्त आराम और रिकवरी का समय दें।
- स्ट्रेचिंग करना न भूलें।
अगर आपको बॉडी के किसी हिस्से में दर्द तेज़ है, सूजन लंबे समय तक बनी है या शरीर का मूवमेंट सीमित महसूस होता हैं तो तुरंत किसी ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ को दिखाएं। जल्दी पहचान और सही इलाज से मरीज जल्दी ठीक हो सकता है और किसी बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। जिम करने में सबसे ज़रूरी है लगातार और समझदारी से आगे बढ़ना न कि लापरवाही से।
बीमारियों का इंवीटेशन कार्ड है पेट की चर्बी, इन 5 बदलाव से करें भद्दी दिखने वाली तोंद का इलाज, डॉक्टर ने बताया है ये नुस्खा। पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।