सर्दी का मौसम शुरू होते ही ठंडी हवाएं शरीर को चुभने लगती हैं। हाथ-पैरों के जोड़ अकड़ने लगते हैं, पैर, घुटने, कमर व दूसरे जोड़ों में दर्द बढ़ने लगता है। तापमान गिरने पर शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह कम हो जाता है। यही वजह है कि जोड़ों में जकड़न, सूजन और दर्द ज्यादा महसूस होता है। इसके अलावा, ठंड में लोग शारीरिक गतिविधियां भी कम कर देते हैं, जिससे मांसपेशियां कमजोर होती हैं और आर्थराइटिस, बैक पेन और घुटनों के दर्द जैसी समस्याएं और बढ़ जाती हैं। उम्रदराज लोगों में यह परेशानी और अधिक दिखाई देती है, लेकिन आजकल युवा भी इस दर्द से परेशान रहते हैं।

आर्थराइटिस, बैक पेन या घुटनों में जकड़न जैसी समस्याएं सर्दी में और बढ़ जाती हैं। ठंड का मौसम खासकर बुजुर्गों के लिए परेशानी लेकर आता है। उनकी हड्डियों और जोड़ों पर ज्यादा असर पड़ता है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर बॉडी में कौन सी कमी होती है जो सर्दी में जोड़ों में दर्द,अकड़न और सूजन की दिक्कत होती है। आइए जानते हैं कि सर्दी में जोड़ों, घुटनों और कमर में दर्द क्यों ज्यादा होता है।

सर्दी में जोड़ों और हड्डियों में दर्द का कारण

  1. हेल्थलाइन के मुताबिक सर्दियों में शरीर की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं ताकि शरीर में गर्मी बनी रहे। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिसके कारण जोड़ों में जकड़न, दर्द और लचीलापन कम हो जाता है।
  2. ठंड में लोग आमतौर पर अपनी शारीरिक गतिविधि भी कम कर देते हैं। इससे मांसपेशियां कमजोर होती हैं और ऑस्टियोआर्थराइटिस, पीठ दर्द या फ्रोजन शोल्डर जैसी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।

इन आसान सेल्फ-केयर टिप्स से सर्दियों में जोड़ों के दर्द से पाएं छुटकारा

शरीर को गर्म रखें

अगर सर्दी में जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो आप जोड़ों को ठंड से बचाएं। जोड़ों में जकड़न कम करने के लिए उन्हें गर्म रखना सबसे जरूरी है। कई लेयर वाले कपड़े पहनें, ठंडी हवा से बचें, सोते या आराम करते समय गर्म कंबल या हीटिंग पैड का उपयोग करें। जिस कमरे में आप रहते हैं उसे गर्म रखें। मोजे और दस्ताने जैसी छोटी चीजें भी जोड़ों को आराम देती हैं।

चलते-फिरते हल्की एक्सरसाइज करें

जोड़ों के लिए मूवमेंट एक दवा की तरह काम करता है। योग, वॉकिंग, स्विमिंग और साइकलिंग जैसी लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज रक्त प्रवाह बढ़ाती हैं और लचीलापन बढ़ाती हैं। बाहर जाने से पहले घर के अंदर हल्का वार्म-अप जरूर करें। सुबह की जकड़न स्ट्रेचिंग और योग से काफी कम हो सकती है। और ध्यान रखें बहुत देर तक एक ही पोजीशन में न बैठें।

हड्डियों और जोड़ों के लिए सही डाइट लें

सर्दियों में डाइट में विटामिन D, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले खाद्य पदार्थ जरूर शामिल करें। ये पोषक तत्व हड्डियों और जोड़ों को मजबूत रखते हैं। दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, नट्स और मछली फायदेमंद हैं। अगर बॉडी को धूप कम मिल रही हो तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D सप्लीमेंट लेना उपयोगी हो सकता है।

बॉडी को हाइड्रेट रखें

सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। इससे जोड़ों की लुब्रिकेशन बनी रहती है और सूजन कम होती है। पानी का सेवन पर्याप्त करने से बॉडी हाइड्रेट रहती है जिससे जोड़ों का दर्द दूर होता है और साथ ही स्किन भी हेल्दी रहती है।

हीट थेरेपी का करें इस्तेमाल

अगर ठंड में मांसपेशियां और जोड़ अकड़ जाते हैं, तो गर्मी काफी राहत देती है। गर्म सेंक, हीटिंग पैड या गर्म पानी से नहाना दर्द और जकड़न को कम करता है। हीट थेरेपी खून के परिसंचरण में मदद करती है और लचीलापन बढ़ाती है, खासकर आर्थराइटिस और क्रॉनिक बैक पेन वाले लोगों के लिए। याद रखें कि इस थेरेपी को करते समय तापमान का ध्यान रखें वरना स्किन जल सकती है।

घर में बैठते समय पॉश्चर का ध्यान रखें

सर्दियों में लोग शरीर को सिकोड़कर बैठते हैं, जिससे गलत पॉश्चर बन जाता है। समय के साथ यह रीढ़, गर्दन और कूल्हों पर दबाव डालता है। इसलिए सीधे बैठें, बैक सपोर्ट लें और लंबे समय तक पैरों को क्रॉस करके न बैठें। घर से काम करने पर एर्गोनोमिक फर्नीचर का उपयोग करें।

पुरानी चोटों का रखें खास ख्याल

अगर पहले कोई फ्रैक्चर, लिगामेंट इंजरी या सर्जरी हुई हो, तो ठंड इस जगह पर फिर से हल्का दर्द या जकड़न बढ़ा सकती है। इससे बचने के लिए हल्की स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज, फिजियोथेरेपी और गर्माहट बनाए रखना फायदेमंद है।

सुबह उठते ही शरीर को एक्टिव करें

ठंड में सुबह उठते ही जकड़न होना आम बात है। हल्की स्ट्रेचिंग, योग और गर्म पानी से नहाना अकड़ी हुई मांसपेशियों को ढीला करने में मदद करता है। इससे दिनभर मूवमेंट आसान हो जाता है।

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