सुबह बिस्तर से जैसे ही पैर नीचे रखते हैं, पैरों में तेज दर्द, घुटनों का कसाव-ढीलापन, पैर सूजना, भारीपन और जकड़न से परेशान रहते हैं। इस तरह से दिन की शुरुआत पहले ही मानो शरीर पर ब्रेक लगा देती हैं। अगर सुबह का पहला कदम ही दर्दनाक हो जाए, तो दिनभर के काम निपटाना, चलना-फिरना और सामान्य गति बनाए रखना बेहद मुश्किल हो जाता है। डॉक्टर का मानना है कि सुबह उठते ही पैरों में दर्द होना, जकड़न आना, टांगे भारी होना या ऐसा लगना कि पैर उठ ही नहीं रहे, ये सिर्फ थकान नहीं है बल्कि किसी छिपी हुई गंभीर कमी का संकेत होता है। डॉक्टर इसे साइलेंट डेफिशिएंसी कहते हैं। ये वो कमी होती है जो चुपचाप शरीर को अंदर से खोखला कर देती है, और एक दिन अचानक पैर जवाब देने लगते हैं।

इंडियन जेरियाट्रिक रिसर्च के अनुसार उम्र बढ़ने पर पैरों के दर्द का सबसे बड़ा कारण है तीन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होना है। बॉडी में तीन जरुरी विटामिन यानी विटामिन D, मैग्नीशियम और विटामिन B12 की कमी से पैरों की ताकत कम होती जाती है। ये तीनों विटामिन पैरों को ताकत देते हैं, नसों की कमजोरी को दूर करते हैं और टांगों को भरपूर पोषण देते हैं जिससे आपकी टांगे चुस्त दुरुस्त और तेजी से दौड़ती हैं। आइए जानते हैं कि ये तीन विटामिन कैसे पैरों में होने वाली इन परेशानियों के लिए जिम्मेदार हैं और इनकी भरपाई कैसी की जाए।

विटामिन D की कमी

लगभग 90% भारतीयों लोग विटामिन D की कमी से पीड़ित हैं। विटामिन D सिर्फ एक विटामिन नहीं, बल्कि पूरा सिस्टम है जो हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों की पकड़, नसों की गति और इम्युनिटी सब कुछ इसी पर निर्भर करता है। धूप कम मिलने से विटामिन D तेजी से घटता है। बॉडी में इस विटामिन की कमी होने से सुबह उठते ही घुटने दर्द करते हैं, एड़ी दुखती है, जांघों में खिंचाव होता है, कूलों में जकड़न आती है, टांगे भारी लगती हैं। जब हम रातभर सोते हैं तो मांसपेशियां आराम की स्थिति में होती हैं और सुबह जब ये मसल्स दोबारा सक्रिय होती हैं, तो विटामिन D की कमी के कारण उनमें स्टिफनेस और दर्द सबसे ज्यादा महसूस होता है।

विटामिन डी की कमी की कैसे करें भरपाई

बॉडी में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए रोज़ 15 मिनट धूप लें, 2–3 हफ्तों में राहत महसूस होने लगती है। विटामिन D रिच फ़ूड्स खाएं। दूध, दही, देसी घी, अंडे की जर्दी, मशरूम, फैटी फिश जैसे सैल्मन, टूना विटामिन डी के बेहतरीन स्रोत है।

मैग्नीशियम की कमी भी है पैरों के दार्द का कारण

भारत में 60 प्लस लोगों में 70% में मैग्नीशियम का स्तर कम पाया गया है। ये वो मिनरल है जो मांसपेशियों को खोलता है।  बॉडी में इसकी कमी होने पर मांसपेशी रात भर टाइट रहती है और सुबह उठते ही दर्द और खिंचाव महसूस होता है। इसकी कमी से पैरों में ऐंठन, एड़ी में चुभन, घुटनों में दर्द, टांगों में झनझनाहट, चलते ही पैरों का कांपने जैसी दिक्कतें होती हैं। मैग्नीशियम की कमी खून का बहाव धीमा कर देती है, नसों को कमजोर बनाती है और नींद खराब करती है, जिससे शरीर तनाव में आता है और मांसपेशियां और टाइट होती हैं।

मैग्नीशियम की कमी का ऐसे करें इलाज

हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे और सीड्स रोज़ खाएं बॉडी में मैग्नीशियम की कमी पूरी होगी। साबुत अनाज का करें सेवन। डाइट में दालें और काले चने खाएं। डार्क चॉकलेट खाएं बॉडी में मैग्नीशियम की कमी पूरी होगी। कमी को पूरा करने के लिए मैग्नीशियम सप्लिमेंट्स का भी सेवन करें।

विटामिन B12 की कमी

विटामिन B12 की कमी पैरों में दर्द और जकड़न का कारण बनती है। B12 नसों की सुरक्षा परत मायेलिन शीथ बनाने में मदद करता है। इसकी कमी से नसें कमजोर होने लगती हैं, जिससे पैरों में चुभन, झनझनाहट, जलन और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। यही विटामिन नसों की स्पीड बढ़ाता है। अगर इसकी कमी होती है तो पैरों में सुई चुभने जैसा दर्द,घुटना अचानक ढीला पड़ना, पिंडली भारी होना,एड़ी में जलन, पैरों में बोझ महसूस होने जैसी समस्याएं हो सकती है।

विटामिन B12 की कमी को ऐसे करें पूरा

बॉडी में विटामिन बी 12 से भरपूर डाइट का सेवन करके इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। B12 से भरपूर खाद्य दूध, दही, पनीर, अंडे, मछली,चिकन, फोर्टिफाइड सीरियल,दही, छाछ, प्रोबायोटिक और फाइबर वाली सब्जियां खाएं। 

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