शकरकंद एक ऐसा फल है जो कुदरत की बेहतरीन देन है। इसका मीठा स्वाद और इसके पोषक तत्व बॉडी के लिए अमृत साबित होते हैं। इस फल में कुदरत ने ऐसी ताकत दी है जो आपकी बॉडी को फौलाद बना सकती है। शकरकंद सर्दियों की फसल है जो अक्टूबर से लेकर फरवरी मार्च तक आसानी से मिलती है। अक्सर लोग इसका सेवन स्नैक्स के तौर पर और ब्रेकफास्ट में करते हैं। शकरकंद न सिर्फ स्वाद में शानदार होती है बल्कि पौष्टिक तत्वों से भरपूर भी होती है। ये एक ऐसा फल है जो मेटाबॉलिज्म को तेज करता है जिसे खाने के बाद भूख जल्दी नहीं लगती और वजन कंट्रोल रहता है। शकरकंद से अधिक फायदा लेने के लिए इसका सही इस्तेमाल भी जानना जरूरी है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नित्यानंद श्री ने बताया कुछ लोग शकरकंद का सेवन उबालकर और भूनकर खाते हैं। इस फल का सेवन बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कर सकते हैं। खाने में सॉफ्ट ये फल खाना आसान होता है। अब सवाल ये उठता है कि शकरकंद का सेवन अक्टूबर से दिसंबर के महीने में क्यों करना चाहिए?  शकरकंद कैसे खाएं उबालकर या फिर भूनकर। जानते हैं किस तरह खाने से बॉडी पर कैसा होता है असर।

अक्टूबर से दिसंबर के बीच क्यों खाना चाहिए शकरकंद

अक्टूबर से दिसंबर के महीने में तापमान गिरने लगता है, जिससे शरीर को अंदर से गर्म रखने की जरूरत होती है। शकरकंद में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाता हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को एनर्जी देता है। यह ऊर्जा शरीर को लंबे समय तक सक्रिय रखती है और ठंड में थकान या कमजोरी नहीं होने देती। इसके अलावा शकरकंद में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो तुरंत ऊर्जा देती है और शरीर की अंदरूनी गर्मी बनाए रखती है। ठंडे मौसम में लोग अक्सर कमजोरी और ठंडक से परेशान रहते हैं, ऐसे में शकरकंद का सेवन शरीर को अंदर से गर्म रखकर मांसपेशियों और अंगों की कार्यक्षमता में सुधार करता है। रोजाना 100-150 ग्राम शकरकंद खाना सर्दियों में शरीर की गर्मी और स्टेमिना दोनों बढ़ाने में मदद करता है।

किन लोगों को शकरकंद भूनकर खाना चाहिए और किन्हें उबालकर

जिन लोगों का पेट खराब रहता है, मोशन बार-बार होता है, मोशन बंधकर नहीं आता, लूज मोशन रहता है, अल्सर की वजह से बिखर-बिखर कर मल डिस्चार्ज होता है या फिर दिन में कई बार मल डिस्चार्ज होता है ऐसे लोगों को शकरकंदी उबालकर खाना चाहिए। शकरकंद का सेवन उबालकर करने से लूज मोशन कंट्रोल होते हैं और मल बंधकर आता है।

जिन लोगों को कब्ज है यानी पेट साफ नहीं होता, कब्ज को दूर करने के लिए कई तरह की दवाएं और चूर्ण खाना पड़ते हैं ऐसे लोगों को शकरकंद का सेवन भूनकर करना चाहिए। शकरकंद का सेवन भूनकर करने से पुराने से पुराने कब्ज का इलाज होता है। आप इसे कोयला पर भूनकर खाते हैं तो आपके पेट की सफाई होती है।

जिन लोगों का वजन नहीं बढ़ता वो शकरकंद का सेवन घी में तलकर करें। आप इसे घी में तलकर चिप्स बना लें और इसका सेवन करें। इसका सेवन आप घी में हल्वा बनाकर भी करते हैं तो आपका कमजोर शरीर ह्ष्ट पुष्ट हो जाएगा।

शकरकंदी के फायदे

ताकत का सॉर्स है शकरकंद। फास्ट के दौरान खाएंगे तो बॉडी में कमजोरी और थकान नहीं रहेगी। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और बॉडी का बीमारियों से भी बचाव होता है।  शकरकंद में विटामिन C, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो वायरल संक्रमण, खांसी-जुकाम और फ्लू जैसी समस्याओं से बचाते हैं।  शकरकंद में फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है, जो आंतों को साफ रखता है और कब्ज जैसी पाचन समस्याओं से राहत देता है। शकरकंद का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों के लिए यह सुरक्षित विकल्प बनता है।

इसमें मौजूद पोटेशियम हृदय की धड़कन और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है, जबकि फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से दिल की सेहत में सुधार होता है।  शकरकंद में विटामिन A, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्किन की रंगत में निखार लाता है। रोजाना शकरकंद खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और थकान कम होती है। यह बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी के लिए फायदेमंद है।

महिलाओं के पेट पर बढ़ती चर्बी देती हैं 10 बीमारियों को न्यौता, सदगुरु ने बताया 1 योग जो घटाएगा बीमारियों का रिस्क, स्टमक हो जाएगा फ्लैट। पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।