क्या सुबह बिस्तर से उठते ही आपको तेजी से पेशाब का प्रेशर होता है और आप तुरंत वॉशरूम की तरफ भागते हैं तो ये कोई परेशानी नहीं है लेकिन अगर पेशाब टॉयलेट पहुंचने से पहले लीक हो जाता है तो ये ओवरएक्टिव ब्लैडर के लक्षण हैं। लेकिन अगर आपको पेशाब करने की इच्छा होती है लेकिन लीक नहीं होता तो इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। पर्सनल फिटनेस एक्सपर्ट और फंक्शनल न्यूट्रिशन पर फोकस करने वाली दीपिका शर्मा ने बताया है कि सुबह उठते ही पेशाब की इच्छा महसूस होना बिल्कुल नॉर्मल बात है।
रात में सोने से पहले आप एक गिलास पानी पीते हैं तो बॉडी तुरंत अपना काम करना शुरु कर देती है। लगभग आधे घंटे में किडनी उस पानी को फिल्टर करना शुरू कर देती है और 5–6 घंटे में ब्लैडर भर जाता है। यही वजह है कि सुबह आपकी नींद खुलती है तो बॉडी इन टॉक्सिन को बाहर निकालना चाहती है और ब्लैडर को खाली करना चाहती है। रात में सोने से पहले अगर आप पानी पिएंगे तो रात में एक बार यूरिन डिस्चार्ज करने के लिए उठ सकते हैं जो नॉर्मल है।
सुबह उठते ही पेशाब आता है तो ये आदत है जिम्मेदार
एक्सपर्ट ने बताया सुबह उठते ही पेशाब आने के लिए दिन में पानी पीने की आदत मायने रखती है। एक्सपर्ट के मुताबिक दिन भर पानी पीने की आदत सबसे अहम होती है। एक्सपर्ट ने बताया सुबह एक साथ 2 लीटर पानी पीने या सोने से ठीक पहले पूरा गिलास पानी पीने से बेहतर है कि आप दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। दिन भर पानी पीने से बॉडी हाइड्रेट रहेगी और रात में नींद भी खराब नहीं होगी। एक्सपर्ट ने बताया रात में सोने से पहले पानी पीने के बाद एक बार पेशाब के लिए उठना नॉर्मल है लेकिन आप बार-बार उठते हैं, नींद अक्सर टूटती है,या फिर बार-बार प्यास लगती है, तो ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।
यूरिन को रोकने का सेहत पर कैसा होता है असर?
वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मीरा रोड में यूरोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. आशुतोष बघेल ने बताया यूरिन को रोकना सेहत के लिए खतरा हो सकता है। हमारा ब्लैडर एक गुब्बारे की तरह है जिसमें यूरिन भरता है। जैसे-जैसे इसमें यूरिन भरता है यह दिमाग को सिग्नल भेजता है कि इसे खाली करना है। अगर आप पेशाब रोकते हैं, तो ब्लैडर फैलता है और उसकी दीवारों पर दबाव पड़ता है। यह ऐसा है जैसे एक गुब्बारे को उसकी सीमा से ज्यादा फुलाया जाए। हालांकि ब्लैडर फटता नहीं, लेकिन इससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
अगर यूरिन लंबे समय तक ब्लैडर में रुका रहे तो ये बैक्टीरिया के लिए प्रजनन का माध्यम बन जाता है जिससे UTI हो सकता है। UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जिसकी वजह से पेशाब में जलन, असहजता और गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। बार-बार पेशाब को रोकना ब्लैडर फंक्शन को भी बिगाड़ सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक हमारा शरीर बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए और संतुलित प्रणाली पर काम करता है। पेशाब रोकना इस प्रक्रिया में रुकावट डालता है जिससे शरीर में असंतुलन पैदा हो सकता है।
लंबे समय तक पेशाब रोकने के जोखिम
अगर आप भी काम की मसरूफियत में पेशाब को रोककर बैठते हैं तो इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। ब्लैडर एक मांसपेशी होता है और लगातार इसके सिग्नल को अनदेखा करेंगे तो मांसपेशी कमजोर हो सकती है और ब्लैडर की क्षमता कम हो सकती है। इससे इनकॉन्टिनेंस यानी पेशाब पर नियंत्रण खोने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉ. गुप्ता ने चेताया कि बार-बार पेशाब रोकने से ब्लैडर में अत्यधिक खिंचाव आ सकता है, जिससे तकलीफ और नुकसान हो सकता है। कुछ गंभीर मामलों में “यूरीनरी रिटेंशन” जैसी स्थिति हो सकती है जिसमें ब्लैडर खुद को पूरी तरह खाली नहीं कर पाता।
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