सर्दियों का मौसम न सिर्फ ठंडक लेकर आता है, बल्कि यह दिल और ब्लड प्रेशर से जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा देता है। हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) आज की सबसे आम बीमारियों में से एक है, जो किसी भी उम्र और किसी भी मौसम में हो सकती है। लेकिन ठंड के मौसम में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है। जब तापमान गिरता है, तो शरीर की रक्त नलिकाएं (Blood Vessels) सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड फ्लो पर दबाव बढ़ जाता है, ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है और दिल को खून पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह अतिरिक्त दबाव हार्ट पर स्ट्रेस डालता है जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, दिल की धड़कन असामान्य होना (Arrhythmia) और किडनी डैमेज जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
PubMed Central के मुताबिक सर्दियों में शरीर की सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है, जो रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है। साथ ही, ठंड में विटामिन D की कमी, कम शारीरिक गतिविधि, और वायु प्रदूषण भी ब्लड प्रेशर बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता हैं। आइए जानते हैं कि सर्दी में बीपी बढ़ने के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं?
सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ने के 5 प्रमुख कारण
ठंडा तापमान
सर्दियों में तापमान गिरने के साथ ही रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इस वजह से ब्लड फ्लो पर रुकावट आती है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। रिसर्च के मुताबिक जब तापमान कम होता है तो सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों प्रेशर बढ़ते हैं।
विटामिन D की कमी से बढ़ता है बीपी
ठंड के मौसम में धूप कम मिलने से शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है। यह विटामिन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है और रेनिन-एंजियोटेंसिन सिस्टम की एक्टिविटी को रोकता है। विटामिन D की कमी से हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ जाता है।
हार्मोनल बदलाव
ठंड के दौरान शरीर में नोरएपिनेफ्रीन, एपिनेफ्रीन और एल्डोस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। ये हार्मोन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं, जिससे बीपी अचानक बढ़ सकता है।
वायु प्रदूषण
सर्दियों में हवा में दूषित गैस ज्यादा होती हैं। ये प्रदूषक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन बढ़ती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
बॉडी एक्टिविटी में कमी होना
ठंड के मौसम में लोग घरों में अधिक समय बिताते हैं और फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। इससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और वजन बढ़ने के साथ बीपी भी बढ़ने लगता है।
सर्दियों में ब्लड प्रेशर हाई होने के लक्षण
- लगातार सिरदर्द और चक्कर आना, खासकर सिर के पीछे या कनपटी में दर्द।
- हाथ-पैर ठंडे पड़ना या झुनझुनी महसूस होना
- सांस फूलना या सीने में जकड़न होना, ठंडी हवा से दिल पर दबाव बढ़ना
- थकान और कमजोरी
- सीने में दर्द या दिल की धड़कन तेज होना शामिल है।
सर्दियों में हाई बीपी को कंट्रोल करने के उपाय
सर्दी में बॉडी को एक्टिव रखें
सर्दियों में ठंड के कारण लोग अक्सर घरों में ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए रोजाना कम से कम 30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज, वॉकिंग या योग करना जरूरी है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है, दिल मजबूत होता है और तनाव भी कम होता है। ठंड के मौसम में सुबह की बजाय दोपहर या शाम के समय एक्सरसाइज करना ज्यादा फायदेमंद रहता है।
बैलेंस डाइट का करें सेवन
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए लोग तली-भुनी और नमक वाली चीजें ज्यादा खाने लगते हैं, जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं। इसके बजाय ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, ओट्स और कम फैट वाले मिल्क प्रोडक्ट का सेवन करें। नमक की मात्रा सीमित रखें और फाइबर से भरपूर डाइट लें। संतुलित डाइट दिल को स्वस्थ रखती है, वजन नियंत्रित करती है और बीपी को नॉर्मल बनाए रखती है।
बॉडी को गर्म रखें
ठंड में शरीर का तापमान गिरने से रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इसलिए सर्दियों में हमेशा शरीर को गर्म रखें। बॉडी को गर्म रखने के लिए लेयर में कपड़े पहने, टोपी, मोजे और दस्ताने जरूर लगाएं, खासकर जब बाहर निकलें। बहुत देर तक ठंडी जगह पर न रहें और अचानक तापमान में बदलाव से बचें। गर्म सूप या हर्बल चाय जैसी चीजें शरीर का तापमान संतुलित रखकर दिल पर दबाव कम करती हैं।
तनाव को कंट्रोल करें
मानसिक तनाव ब्लड प्रेशर बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है। सर्दियों में दिन छोटे और धूप कम होने से मूड पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग, हल्का संगीत सुनना या परिवार के साथ समय बिताना तनाव को कम करने में मदद करता है। नींद पूरी लें और ओवरथिंकिंग से बचें। जब मन शांत रहता है तो शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है और ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है।
डॉक्टर की सलाह मानें
अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो ठंड के मौसम में अपनी दवाइयां नियमित रूप से लेते रहें और बिना परामर्श के बदलाव न करें। समय-समय पर बीपी मॉनिटर करें और अपने डॉक्टर से चेकअप कराते रहें। सर्दियों में ब्लड प्रेशर के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज न करें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल अपनाने से हार्ट और ब्लड प्रेशर दोनों सुरक्षित रह सकते हैं।
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