भारत में लिवर और कैंसर की नकली दवा बिक रही है। इसे लेकर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जानकारी साझा करते हुए लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। इसके अलावा भारत की केंद्रीय ड्रग अथॉरिटी ने भी इन नकली दवाओं को लेकर लोगों को सतर्क किया है।

मामले को लेकर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने बताया कि इन दिनों बाजार में डेफिटालियो (Defitalio) और एडसेट्रिस (Adcetris) नाम की दो दवाइयां धड़ल्ले से बिक रही हैं। इनमें डेफिटालियो का इस्तेमाल लिवर की बीमारियों में किया जाता है। जबकि एडसेट्रिस को ब्लड कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाला एक इंजेक्शन के तौर पर दिया जाता है, लेकिन इस वक्त भारत में बिक रही ये दोनों ही दवाएं नकली हैं।

डब्ल्यूएचओ द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर CDSCO ने बयान जारी कहा, ‘बाजार में मिलने वाली ये दोनों ही दवाइयों के नकली वर्जन हैं। असली दवाएं जर्मनी और ऑस्ट्रिया में पैक की जाती हैं। जबकि जो दवा इस वक्त बाजार में मिल रही हैं, उन्हें यूके और आयरलैंड में पैक किया गया है। इन दवाओं पर लिखी एक्सपायरी डेट गलत है। इसके अलावा गौर करने वाली बात यह है कि ये दवाएं भारत और तुर्की समेत 4 देशों में बैची जा रही हैं, जबकि इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों को भारत और तुर्की में बेचने की अनुमति ही नहीं है।’

CDSCO के मुताबिक, ‘इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल से सेहत को कई गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं। इतना ही नहीं, कुछ परिस्थितियों में ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। ये दवाएं खासतौर पर ऑनलाइन बिक रही हैं। ऐसे में इन्हें खरीदने से बचें।

इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इस दवा के कम से कम 8 बैच नंबर के नकली वर्जन मौजूद हैं। वो बैच नंबर हैं-

Batch No. 11980412 ED: 04/2024
Batch No. 12188747 ED:01/2025
Batch No. 12188749 ED:01/2025
Batch No. 12200242 ED:01/2025
Batch No. 12202389 ED:01/2025
Batch No. 12310404 ED:09/2025
Batch No. 512053 ED:11/2024

डब्ल्यूएचओ द्वारा डॉक्टरों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है कि वो ये दवाइयां सावधानी से लिखें। साथ ही मरीजों को इस बारे में जागरूक करें कि अगर कोई रिएक्शन हो, तो तुरंत हॉस्पिटल जाएं।