वजन कम करने के लिए आजकल लोग क्या कुछ नहीं करते। खान-पान पर कंट्रोल करते हैं और घंटों जिम में एक्सरसाइज करते हैं और खाने में एक-एक कैलोरी की गिनती भी करते है फिर भी उन्हें मन चाही बॉडी नहीं मिलती। आज कल लोगों ने वजन कम करने के लिए डाइट में आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल बढ़ा दिया है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल आमतौर पर लोग चाय,कॉफी, ड्रिंक्स और कॉफी को मीठा बनाने में करते है। अक्सर डायबिटीज के मरीज इस स्वीटनर्स का इस्तेमाल अपनी चाय और कॉफी में करते हैं। लोगों में ये स्वीटनर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, खासकर उन लोगों में जो बॉडी से अतिरिक्त फैट को कम करना चाहते हैं। आप जानते हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल आपकी सेहत पर ज़हर की तरह असर करता है। WHO के मुताबिक ये आर्टिफिशियल स्वीटनर कई क्रॉनिक बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है।

WHO के मुताबिक मौजूदा सबूतों की एक वैज्ञानिक समीक्षा में पाया गया है कि इस तरह की मिठास का सेवन टाइप -2 डायबिटीज, दिल के रोगों और मृत्यु के जोखिम से भी जुड़ा था। एक डेटा के मुताबिक आर्टिफिशियल स्वीटनर के उपयोग से मूत्राशय कैंसर का खतरा बढ़ने लगता है। अगर गर्भवती महिलाएं इस मिठास का सेवन करती हैं तो समय से पहले बच्चे के जन्म होने का खतरा बढ़ सकता है।

डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नेचुरल या सिंथेटिक,किसी भी आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल खाने पीने की चीजों में नहीं किया जाना चाहिए। वजन कम करने और बॉडी में कैलोरी की मात्रा कम करने के लिए नेचुरल फ्रूट स्वीटनर ज्यादा फायदेमंद है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज और मोटापा से पीड़ित लोग वजन कम करने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का इस्तेमाल करने से बचें। नेचुरल फ्रूट्स स्वीटनर का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज के रिस्क को कम करता है जो एक गलत धारणा है।

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का बॉडी पर कैसा असर पड़ता है:

डब्ल्यूएचओ ने इस बात पर जोर दिया है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स नॉन शुगर स्वीटनर नहीं है, इसमें कोई पोषक तत्व मौजूद नहीं होता। अगर लोग भविष्य में अपनी हेल्थ को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो शुरुआत में ही अपनी डाइट में मीठा का सेवन करना कम कर दें।

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के सेवन पर WHO ने क्या किसी खास समूह को दी है चेतावनी?

WHO ने आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का सेवन नहीं करने की सलाह सिर्फ डायबिटीज के मरीजों को ही नहीं दी है बल्कि सभी लोगों को इसके साइड इफेक्ट से बचने के लिए सलाह दी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ये कृत्रिम मिठास किसी भी तरह से वजन को कम करने में असरदार नहीं है। डायबिटीज के जो मरीज ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इस आर्टिफिशियल शुगर का इस्तेमाल करते हैं तो वो शुगर कंट्रोल करने के किसी और विकल्प को चुनें। डायबिटीज के मरीज मीठा खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करने के लिए मीठे फल, बिना चीनी वाली मिठाईयां और लिक्विड का सेवन करें।

आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से हो सकते हैं ये गंभीर रोग:

नेचर मेडिसिन में प्रकाशित क्लीवलैंड क्लिनिक के नए शोध से पता चला है कि एरिथ्रिटोल, एक लोकप्रिय कृत्रिम स्वीटनर है, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है।