बॉलीवुड एक्टर और बीजेपी सांसद सनी देओल 64 वर्ष के हो चुके हैं लेकिन अभी भी बिल्कुल फिट नजर आते हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब सनी देओल पीठ के तेज़ दर्द से जूझ रहे थे। साल 2010 में सनी देओल ‘यमला पगला दीवाना’ की शूटिंग में व्यस्त थे लेकिन इसी दौरान उन्हें बैक में तेज़ दर्द की शिकायत रहती थी। डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि उन्हें किडनी स्टोन हुआ है। इसके बाद फिल्म की शूटिंग रोक दी गई थी और उनका इलाज किया गया।
इलाज के लिए गए थे अमेरिका- सनी देओल किडनी स्टोन हो जाने पर गंभीर पीठ दर्द से जूझ रहे थे और इसके इलाज के लिए उन्हें अमेरिका जाना पड़ा। सनी देओल की सेक्रेट्री नीना ने मुंबई मिरर को बताया था, ‘सनी देओल को किडनी का स्टोन है जिसका इलाज किया जाना ज़रूरी है। इसलिए वो अमेरिका गए हैं।’ फिलहाल सनी देओल इससे निजात पा चुके हैं और एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
किडनी स्टोन अर्थात गुर्दे की पथरी मिनरल्स और नमक से बनी एक ठोस जमावट होती है। इसका आकार अलग- अलग हो सकता है। अगर स्टोन छोटा है तो यह मूत्रमार्ग से बाहर निकल सकता है लेकिन अगर ये बड़ा हुआ तो मूत्राशय ने फंस जाता है जिसे डॉक्टर्स यूटेरोस्कॉपी की मदद से निकालते हैं।
किडनी स्टोन के लक्षण- पीठ के एक तरफ या पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द होना। यह दर्द आमतौर पर रात में या सुबह – सुबह होता है।पेशाब करते वक्त दर्द और खून आना,बार बार पेशाब का लगना और पेशाब से दुर्गंध आना, उल्टी आना, ठंड लगना, बुखार होना आदि सामान्य लक्षण हैं।
किडनी स्टोन की वजह- खानपान- अगर आप अपने खानपान में अधिक एनिमल प्रोटीन और नमक का इस्तेमाल करते हैं तो इससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है। अधिक ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, बीट्स, नट्स, पालक आदि का अधिक सेवन पथरी की समस्या को बढ़ाता है। इसके अलावा किडनी स्टोन होने का कारण आनुवांशिक भी हो सकता है। अगर माता पिता में से किसी को किडनी स्टोन रहा हो तो उनके बच्चों को किडनी स्टोन हो सकता है।
ज़्यादा कैल्शियम वाली दवाओं के सेवन से मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पथरी बनने की संभावना होती है। विटामिन ए और विटामिन डी की गोलियों के अधिक सेवन से भी स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव- इससे बचने के लिए आप अधिक मात्रा में पानी पिएं। पानी मूत्र में मौजूद उन पदार्थों को गला देता है जो पथरी बनाते हैं। पानी के अलावा फलों का जूस और तरल पदार्थ का सेवन करें। पशु प्रोटीन को कम करें, सोडियम की मात्रा भी भोजन में सीमित करें और चुकंदर, चॉकलेट, पालक, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि का सेवन कम करें।