पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आने लगती है। इस बीमारी में एनस के अंदर और बाहर के हिस्से में कुछ मस्से भी आने लगते हैं। कई बार स्टूल पास करते समय जोर लगाने पर इन मस्सों से खून तक आने लगता है। पाइल्स की परेशानी बेहद परेशान करने वाली होती है। खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपने वाली इस बीमारी में उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है।
देश और दुनिया में पाइल्स के मरीजों की तादाद में इज़ाफ़ा हो रहा है। अब सवाल ये उठता है कि पाइल्स की शुरूआत कैसे होती है और इसके लक्षण बढ़ने से रोकने के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि कैसे इस बीमारी की शुरूआत होती है और उसमें कैसी डाइट रखना जरूरी है।
बवासीर की शुरूआत कैसे होती है:
- जिन लोगों में बवासीर की बीमारी के लक्षण पनपते हैं उनके गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होने लगती है।
- स्टूल पास करने के बाद भी पेट साफ नहीं होता।
- स्टूल पास करते समय एनस में दर्द और जलन का अनुभव होता है।
- लक्षण बढ़ने पर स्टूल के साथ खून भी आने लगता है।
- एनस के आस-पास खुजली, लालीपन और सूजन महसूस होती है।
- स्टूल के साथ म्यूकस भी आ सकता है।
बवासीर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए:
सीके बिरला हॉस्पिटल के मुताबिक बवासीर के मरीज पाइल्स को कंट्रोल करने के लिए डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करें जिनसे कब्ज की परेशानी दूर हो और पाइल्स के लक्षण कम हो। पाइल्स के लक्षणों को दूर करने के लिए कुछ फूड्स से परहेज करना जरूरी है। पाइल्स के इलाज में कुछ फूड्स का सेवन बाधा बन सकता है इसलिए उनसे दूरी बनाना जरूरी है। आइए जानते हैं कि पाइल्स के मरीज किन चीजों से परहेज करें।
- तेल और मसालेदार भोजन से परहेज करें। ये फूड पाचन को कमजोर करते है और कब्ज की परेशानी को बढ़ाते हैं।
- पाइल्स के मरीज नाश्ते में सफेद ब्रेड खाते हैं तो अपनी इस आदत को बदल लें। सफेद ब्रेड का सेवन आपके पाचन को बिगाड़ सकता है और पाइल्स के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
- चाय और कॉफी का सेवन बॉडी में पानी की कमी कर सकता है जिससे पाइल्स की परेशानी बढ़ सकती है।
- पाइल्स के मरीज सिगरेट और गुटखा का सेवन करने से परहेज करें।
