मधुमेह आजकल एक आम बीमारी का नाम ले चुकी है। दुनियाभर में इस बीमारी से बहुत से लोग पीड़ित हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 42 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं। मधुमेह में रोगियों को अपने जीवनशैली और खानपान पर विशेष ध्यान रखना होता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं है, लेकिन मरीज अपने दिनचर्या और खानपान में बदलाव करके इस बीमारी पर काबू पा सकता है। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण बातें-

डायबिटीज के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

ब्लड शुगर जब बढ़ जाता है तो शरीर में हुए घाव जल्दी नहीं भरते, नींद ठीक से नहीं आती है, बहुत प्यास लगती है, धुंधला दिखाई देता है और बार-बार पेशाब लगती है। वहीं ब्लड शुगर कम हो जाने पर कांपना, भूख लगना, पसीना आना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। इसके अलावा बार-बार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना। लगातार शरीर में दर्द की शिकायत होना। वजन का अचानक से ज्यादा बढ़ना या कम होना। लगातार थकान या कमजोरी महसूस होना।

ब्लड शुगर की जांच कैसे करें

ब्लड शुगर चेक करने का सही तरीका है कि सबसे पहले अपने हाथ धोकर ठीक तरह से सूखा लें। उसके बाद ही अपनी मशीन के मीटर में टेस्ट स्ट्रिप को रखें। इसके उपरांत टेस्ट किट के साथ मिलने वाली सुई को उंगली में चुभाएं और खून की एक बूंद परीक्षण पट्टी के किनारे पर डालें। जिसके बाद कुछ सेकेंड रुकें आपको स्क्रीन पर परिणाम दिखने लगेंगे।

ब्लड शुगर बढ़ जाने पर क्या करें?

पैदल चलें: पैदल चलना यानि टहलना और हल्का फुल्का ही सही लेकिन व्यायाम करना आपके ब्लड शुगर के बढ़ते स्तर को कम कर सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अधिक से अधिक पैदल चलना चाहिए।

हरी सब्जियां: डायबिटीज के मरीजों को अधिक से अधिक हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए, जैसे पालक, करेला, लौकी, गोभी आदि का सेवन करें।

इनसे परहेज करें: मधुमेह के मरीजों को खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, चूंकि कुछ फलों और सब्जियों के सेवन से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। आलू, शकरकंद, कटहल, आम, अंगूर, खजूर, केला, चुकंदर और गाजर कुछ ऐसे प्राकृतिक उत्पाद हैं जिनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

ब्लड शुगर लेवल को तुरंत कैसे कम करें?

रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सबसे प्रभावी और सबसे आसान तरीका है पानी पीना। ब्लड शुगर बढ़ने के दौरान यदि आप पानी पीते हैं तो यह आपके ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।