उम्र के हिसाब से ब्लड शुगर का स्तर बदलता रहता है। ब्लड शुगर का स्तर बदलने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे बॉडी एक्टिविटी की कमी होना, हार्मोनल परिवर्तन, खराब लाइफस्टाइल और कुछ बीमारियों की वजह से ब्लड शुगर का स्तर बदलता रहता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे हमारे शरीर की मेटाबॉलिक दर कम होती जाती है। मेटाबॉलिक रेट स्लो होने से ग्लूकोज का टूटना धीमा हो सकता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। हर उम्र में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने और घटने का पैमाना अलग होता है। 

बच्चों और युवाओं का मेटाबॉलिज्म तेज होता है इसलिए उनका शरीर शुगर को तेजी से उपयोग करता है। बुजुर्गों की डाइट में फाइबर और कार्ब्स का सेवन ज्यादा होता है जिसकी वजह से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। कुछ बीमारियों की वजह से, नींद की कमी होने से और तनाव होने से भी ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगते हैं।

ब्लड शुगर का स्तर खाली पेट, खाने के बाद और रात को सोते समय बदलता रहता है। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं।  बार-बार प्यास लगना,बार-बार पेशाब आना, ज्यादा भूख लगना, कमजोरी और थकान होना,धुंधली दृष्टि,जल्दी घाव न भरना,बार-बार संक्रमण होना,स्किन में खुजली और सूखापन होना ब्लड शुगर का स्तर हाई होने के संकेत है।

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना, नियमित एक्सरसाइज करना और लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है। डायबिटीज की बीमारी के लिए रेगुलर मॉनिटरिंग करना बेहद जरूरी है। इस बीमारी का आप तभी इलाज कर सकते हैं जब आपको ये पता हो कि किस उम्र में ब्लड शुगर का स्तर कितना होना चाहिए। आइए चार्ट के जरिए जानते हैं कि ब्लड शुगर का स्तर कितना होना चाहिए।

उम्रफास्टिंग (mg/dL)भोजन के बाद (mg/dL)
बच्चे (6-12 वर्ष)70-10070-140
किशोर (13-19 वर्ष)70-10570-145
युवा (20-40 वर्ष)70-11070-140
मध्यम आयु (41-60 वर्ष)70-11570-150
बुजुर्ग (60+ वर्ष)70-12070-160

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