ब्लड शुगर/मधुमेह या डायबिटीज (Blood Sugar) बेहद आम बीमारी होती जा रही है। लगभग हर आयु वर्ग के लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो डायबिटीज अपने साथ कई नई बीमारियों को जन्म दे सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि तमाम मामलों में सही खान-पान और वर्कआउट से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
वैसे तो शुगर किसी भी उम्र के लोगों के लिए नुकसान दायक है, लेकिन बुजुर्गों को इससे ज्यादा खतरा होता है। उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम होती जाती है। शुगर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को उबरने में ज्यादा समय लगता है। बुजुर्गों की इम्युनिटी वैसे भी कमजोर होती है, इसलिए शुगर को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी हो जाता है। हम आपको बताने वाले हैं कि 70 से 80 साल की उम्र में ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए।
70 से 80 साल की उम्र में ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 70 से 80 साल के लोगों का शुगर 100 mg/dl से 140 mg/dl होना चाहिए। इस उम्र के लोगों का फास्टिंग शुगर लेवल या खाली पेट का शुगर 100mg/dl होना चाहिए और खाने के बाद 140mg/dl तक होना चाहिए। अगर शुगर लेवल इससे अधिक होता है तो ये चिंता का विषय हो सकता है।
शुगर बढ़ने से हो सकता है ये खतरा
शुगर अगल सामान्य लेवल से अधिक हो जाता है तो हार्ट अटैक और किडनी फेल होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा अगर शुगर लेवल अधिक बना रहता है तो इससे शरीर के अन्य अंगों जैसे आंख, कान और दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ता है। आंखों की रोशनी कम होने लगती है, व्यक्ति ऊंचा सुनने लगता है, इसके साथ याददाश्त पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
डाइट में इन चीजों को शामिल करने से होगा फायदा
जिन लोगों का शुगर हमेशा अधिक रहता है उन्हें सोच समझकर अपने खाने का चयन करना चाहिए। गेहूं के आटे का सेवन भी शुगर के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में गेंहूं के जगह अन्य ग्रेन्स को अपनी डाइट में शामिल करने की जरूरत है।
चने का आटा
अगर आपको या आपके परिवार में किसी को शुगर है तो उन्हें चने का सेवन अधिक करना चाहिए। रोटी बनाने के लिए भी चने का आटा इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें मौजूद मिनरल्स, विटामिन्स, फाइबर और प्रोटीन ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करने में मदद करता है।
बाजरे का आटा
बाजरे के आटे में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है। इसके साथ ही शुगर के मरीजों को अपनी डाइट में रसे दार सब्जियां जैसे लौकी, तोरी, टिंडा आदि शामिल करनी चाहिए।