गर्भावस्था हर महिला के लिए बहुत कुछ बदलाव और सबसे महत्वपूर्ण समय में से एक होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। जैसे वजन बढ़ना, हार्मोनल चेंज, स्किन ग्लो और बालों का घना होना आदि, इस दौरान एक बदलाव ऐसा भी होता है, जिस पर अक्सर महिलाएं ध्यान नहीं देती या फिर नजरअंदाज कर देती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों पर में बदलाव होता है। पैरों का आकार और शेप बदल जाती है, जिसे मेडिकल भाषा में “Mom Feet” कहा जाता है। यह बदलाव प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में भी नजर आ सकता है। हालांकि, इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो कई मामलों में स्थायी रूप से पैरों की शेप बदल सकती है।

मॉम फीट कोई आम समस्या नहीं है। अध्ययनों से पता चला है कि 44 से 61 प्रतिशत नई मांओं के पैरों में स्थायी वृद्धि देखी जाती है और कई लोग जब ऐसा होता है तो हैरान रह जाते हैं। पैरों और हाथों में अस्थायी सूजन गर्भावस्था का एक सामान्य हिस्सा है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ सिल्वाना रिबाउडो के मुताबिक, शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ गुरुत्वाकर्षण-निर्भर क्षेत्रों में जमा हो जाता है, जिससे टखने और पैर की उंगलियां काफी सूज जाती हैं। बच्चे के जन्म के बाद पैरों की सूजन कम हो जाती है, लेकिन पैरों में संरचनात्मक परिवर्तन नहीं होते।

गाइनोकॉलजिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट के मुताबिक, Mom Feet कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही जूते पहनना और पैरों की देखभाल करना जरूरी है, ताकि डिलीवरी के बाद भी पैरों का स्वास्थ्य बना रहे। गर्भावस्था के दौरान होने वाले ज्यादातर अन्य परेशान करने वाले शारीरिक परिवर्तनों की तरह, पैरों में स्थायी वृद्धि हार्मोन के कारण हो सकती है।

Mom Feet क्या है?

दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ना और हार्मोनल चेंज आम बात है, लेकिन पैरों में आने वाला बदलाव अक्सर नजरअंदार कर दिया जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में होने वाले बदलाव को ही मॉम फीट कहते हैं। “Mom Feet” का मतलब है। गर्भावस्था के दौरान पैरों का आकार, शेप या चौड़ाई बढ़ जाना। कुछ महिलाओं में यह बदलाव अस्थायी होता है, जबकि कुछ में यह स्थायी हो सकता है।

मॉम फीट से बचाव और देखभाल करने के लिए करें

प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों की शेप में कोई बदलाव आता है तो ऐसी स्थिति में आरामदायक फुटवियर पहनें। हाई हील या टाइट जूते नहीं पहनें। सपोर्टिव सोल वाले फ्लैट्स या स्पोर्ट्स शूज चुनें। सूजन कम करने के लिए दिन में 2-3 बार पैरों को ऊंचा करके रखें। इसके साथ ही हल्की एक्सरसाइज करें। इसके अलावा हाइड्रेशन और डाइट का ध्यान रखें। ज्यादा पानी पिएं और नमक की मात्रा सीमित रखें ताकि सूजन कम हो।

वहीं, दांतों में इन 3 विटामिन की कमी से भी दर्द हो सकता है। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो मसूड़े भी कमजोर होने लगते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि किन विटामिन की कमी से दांतों में दर्द हो सकता है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।