Brain Fog Symptoms: रात की अच्छी नींद के बाद भी कुछ लोगों का दिमाग सुबह उठने के बाद ठीक से काम नहीं करता है। दिमाग में उथल-पुथल होती है। अगर आप छोटी-छोटी बातों को बार भूल रहे हैं या फिर अपनी ही कही बात को याद नहीं रख पा रहे और चारों ओर धुआं-धुआं सा लगता है, तो इसे ब्रेन फॉग (Brain Fog) कहते हैं। दरअसल, ब्रेन फॉग की समस्या से दुनिया भर में अरबों लोग प्रभावित हैं। ऐसा होने पर याददाश्त कमजोर हो जाती है। इसके अलावा सही तरह यानी साफ बोलने में दिक्कत होती है। फैसले देर से लिए जाते हैं। शरीर दिनभर थका हुआ महसूस करता है। काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, ब्रेन फॉग कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह मानसिक थकावट और तनाव का एक संकेत है, लेकिन लंबे समय तक ऐसा होने से कई गंभीर बीमारी का खतरा जरूर बढ़ जाता है।

  • ब्रेन फॉग के कुछ लक्षण
  • चक्कर आना या भ्रमित होना
  • सिरदर्द
  • धीरे-धीरे सोचना
  • चीजें याद न रख पाना
  • मानसिक थकान
  • मूड में उतार-चढ़ाव

दरअसल,  सर्दियों का मौसम जहां ठंडक और सुकून लेकर आता है, वहीं कुछ लोगों के लिए यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और याददाश्त से जुड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है। सर्दियों में ब्रेन फॉग एक आम समस्या है, जो ध्यान केंद्रित करने में कमी, सोच और मानसिक थकावट का कारण बनती है। यह स्थिति कई बार लोगों को इतना प्रभावित करती है कि वे अपने कामकाज भी ठीक से नहीं कर पाते।

दिल्ली के उजाला सिग्नस अस्पताल के निदेशक डॉ शुचिन बजाज के अनुसार, ब्रेन फॉग के कारण व्यक्ति के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है। ऐसी स्थिति में काम में दिल न लगना, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, लगातार सिर दर्द और छोटी-छोटी बातें भूल जाने आदि की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

सर्दियों में ब्रेन फॉग क्यों बढ़ता है?

  • सर्दियों में धूप की कमी से शरीर में विटामिन डी और सेरोटोनिन का लेवल कम हो जाता है, जो मूड और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
  • सर्दियों में डिप्रेशन या उदासी की यह स्थिति मानसिक थकावट और ब्रेन फॉग को ट्रिगर कर सकती है।
  • सर्दियों के मौसम में ठंड के कारण नींद का पैटर्न प्रभावित हो सकता है, जिससे मानसिक थकावट बढ़ती है।
  • सर्दी में शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, जिससे शरीर और दिमाग दोनों सुस्त हो जाते हैं।

ब्रेन फॉग से कैसे छुटकारा पाएं?

ब्रेन फॉग से छुटकारा पाने के लिए अपनी दिनचर्या में बदलाव करें। इसके अलावा हेल्दी फूड्स और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखकर इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

  • दिन में 7-8 घंटे सोएं।
  • सोने से पहले मोबाइल फोन देखने से बचें।
  • व्यायाम को डेली रूटीन में शामिल करें।
  • मल्टीटास्किंग से बचें और एक समय में एक काम पर ध्यान दें।

इसके अलावा स्लीप डिसऑर्डर एक ऐसी समस्या हो तो तेजी से लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। नींद की कमी के चलते दिल से लेकर दिमाग की हेल्थ पर असर पड़ता है।