हिंदू धर्म में किसी बच्चे के जन्म के बाद तमाम तरह की रस्में निभाई जाती हैं। इस दौरान कई तरह की परंपराओं का पालन करने का भी नियम है। इन्हीं में एक है अन्नप्राशन संस्कार। गौरतलब है कि छह महीने तक शिशु केवल मां के दूध का सेवन करता है। ऐसे में जब वह 6 या 7 महीने का हो जाता है, तब बच्चे को अन्न खिलाना शुरू किया जाता है। इसके लिए हिंदू धर्म में अलग से अन्नप्राशन संस्कार किया जाता है। इस दौरान भी शिशु को पहले भोख के रुप में शहद चटाने की परंपरा निभाई जाती है। हालांकि, इन दिनों सोशल मीडिया पर बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर (Soonam Kapoor) का एक पुराना वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अदाकारा बता रही हैं कि कैसे उन्होंने अन्नप्राशन संस्कार के दौरान अपने बेटे वायु को शहद चटाने से साफ मना कर दिया था। इतना ही नहीं, इसे लेकर अदाकारा की पंडित जी से बहस भी हो गई थी।

वीडियो में सोमन कपूर कहती हैं, ‘मैंने अपने बेटे को शहद चटाने के लिए साफ मना कर दिया था। इसे लेकर मेरी पंडित जी से बहस भी हुई, फिर भी मैंने साफ कह दिया था कि मैं अपने बच्चे को पहले भोजन के रूप में शहद नहीं बल्कि सेब की प्‍यूरी दूंगी, फिर चाहे ये आपको अच्छा लगे या नहीं।’ सोनम कपूर ने इसके पीछे की वजह का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम लोग कई तरह की परंपराओं का पालन करते हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं। हालांकि, इनमें से कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जो कई बार मुझे कुछ ठीक नहीं लगती हैं या जिन्हें लेकर मैं सहज महसूस नहीं कर पाती हूं। बच्चे को शहद चटाना भी ऐसी ही परंपरा में से एक है। हो सकता है अबतक कई महिलाओं ने ऐसा किया हो और उनका बच्चा पूरी तरह से ठीक भी हो लेकिन मैं अपने बच्चे को लेकर इस तरह का रिस्क नहीं ले सकती।’

क्या है वजह?

वीडियो में सोनम कपूर ने बोटुलिज़्म नामक एक स्थिति के बारे में बात की है, जो काफी खतरनाक है और 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को शहद चटाने के चलते हो सकती है।

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क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट्स?

बता दें कि हेल्थ एक्सपर्ट्स भी अदाकारा की इस बात से सहमति जताते हैं। हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शहद या इससे बने प्रोडक्ट्स में क्लॉस्ट्रीडियम बोटलिनम के स्पोर्स पाए जाते हैं, जो पेट में जाकर एक बैक्‍टीरिया में बदल जाते हैं। वहीं, ये बैक्टीरिया 12 महीने से कम उम्र के बच्‍चे की आंत में विषाक्‍त पदार्थ पैदा कर सकते हैं। इसी कड़ी में बच्‍चों को शहद या इससे बनी किसी भी चीज का सेवन न कराने की सलाह दी जाती है।

कितना खतरनाक है बोटुलिज़्म?

बोटुलिज़्म कितनी खतरनाक स्थिति है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो बच्चे इसकी चपेट में आते हैं, उन्हें करीब 23 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ सकता है। ये शरीर की नसों को प्रभावित करता है। वहीं, शहद से अलग बोटुलिज़्म मिट्टी जैसे दूषित पदार्थ खाने से भी हो सकता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।