शीशम के पेड़ का ज़िक्र अक्सर उसकी कीमती लकड़ी के लिए किया जाता है। शीशम की लकड़ी से बना फर्नीचर सबसे बेहतर माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शीशम की केवल लकड़ी ही नहीं, बल्कि इसकी पत्तियां, छाल, फल और फूल भी बेहद कीमती होते हैं। शीशम की पत्तियां शीतल और पौष्टिक मानी जाती हैं। ये गर्मी से जुड़ी बीमारियों में औषधि की तरह काम करती हैं। इन पत्तों में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। नियमित रूप से इनका सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया शीशम की पत्तियां बॉडी को ठंडक देती हैं और खाने में भी मजेदार लगती है। ये पत्ते गर्मी में होने वाली स्किन समस्याओं का इलाज करते हैं। इनका सेवन करने से गर्मी में आंखों में होने वाली रेडनेस और आंखों के दर्द से निजात मिलती है। आइए जानते हैं कि रोज अगर शीशम के पत्तों का सेवन किया जाए तो सेहत पर कैसा असर होता है।
स्किन की बीमारियों से मिलती है निजात
इन पत्तियों का सेवन करने से फोड़े-फुंसी और घाव को प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है। इसकी पत्तियों के म्यूसिलेज को मीठे तेल में मिलाएं और इस पेस्ट को चोट या क्षतिग्रस्त स्किन पर लगाएं तो स्किन की रंगत में निखार आता है। स्किन से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने के लिए आप 50–100 मि.ली. काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पिएं। इनके एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को इंफेक्शन से बचाते हैं।
आंखों की समस्या में होता है फायदा
यदि आंखों में लालिमा हो, लंबे समय से आंखें दुखती हों या हमेशा दर्द बना रहता हो, तो ताज़ी और साफ़ शीशम की पत्तियों को अच्छी तरह पीसकर आंखों के ऊपर लगाया जा सकता है। इनका लेप करने से तुरंत राहत मिलती है और कुछ दिनों तक लगातार प्रयोग करने से समस्या कम हो जाती है।
खून में जमा टॉक्सिन निकालते हैं बाहर
ये पत्ते खून में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालने में भी असरदार साबित होते हैं। इनका सेवन करने से खून में मौजूद अशुद्धियां दूर होती है और स्किन की रंगत में निखार आता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने में है मददगार
आयुर्वेद में इसे ब्लड शुगर नियंत्रित करने के लिए उपयोगी बताया गया है। शीशम के एक से दो पत्तों का सेवन अगर रोज किया जाए तो डायबिटीज कंट्रोल रहती है। ये पत्तिया इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने में मददगार मानी जाती हैं।
लीवर और पेट के लिए है अमृत
शीशम की पत्तियां पाचन तंत्र को दुरुस्त करती हैं और लिवर की सेहत में सुधार करती हैं। ये पत्ते अगर रोज खाए जाएं तो पुराने से पुराने कब्ज से निजात मिलती है। इसका सेवन करने से पाचन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।
सूजन और दर्द से मिलती है राहत
शीशम के पत्तों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो सूजन और दर्द को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इन पत्तों का सेवन करने से जोड़ों का दर्द और सूजन कंट्रोल रहती है।
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