हमें अक्सर ऐसा बड़े-बुजुर्गों और एक्सपर्ट द्वारा बताया जाता है कि खाना हमेशा आराम से खाना चाहिए, लेकिन बहुत से लोग फटा-फटा खाना खाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जल्दी-जल्दी खाना खाने से पाचन संबंधी समस्याएं, मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है। इससे एसिड रिफ्लक्स, गैस्ट्राइटिस, और अपच भी हो सकता है। एक इंस्टाग्राम वीडियो में एक प्रयोग के साथ ठीक यही दिखाया गया है। वीडियो में ब्लॉगर बेकिंग सोडा को दो अलग-अलग जिप-लॉक बैग में पानी भरकर रखता है। अगर, बेकिंग सोडा को बहुत जल्दी डाला जाए, तो पानी बह सकता है, ठीक वैसे ही जैसे हमारे पेट में खाना बहता है।

ऐसा क्यों होता है?

ग्लेनीगल्स हॉस्पिटल, परेल, मुंबई में सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, डॉ. मंजूषा अग्रवाल ने बताया कि ऐसा मुख्य रूप से इसलिए होता है क्योंकि जल्दी-जल्दी खाते समय अधिक हवा निगल लेते हैं। डॉ. अग्रवाल ने बताया, “जब भोजन ठीक से चबाया नहीं जाता है तो पेट को उसे पचाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे अपच और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। यह आपके मस्तिष्क को यह पहचानने से भी रोकता है कि पेट भरा है या नहीं। इससे ज्यादा खाने और वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।”

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि तेजी से खाना खाने से पाचन पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और पेट में गंभीर ऐंठन हो सकती है। यह आपके चयापचय यानी मेटाबॉलिज्म को भी धीमा कर सकता है। ऐसे में धीरे-धीरे खाना पेट से लेकर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। धीरे-धीरे, आरामदायक गति से भोजन करने से , आपके पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद मिलती है और आपको भोजन से आवश्यक  पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित करने में भी मदद मिलती है।

खाने का सही तरीका

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि हेल्दी और फिट शरीर के लिए जरूरी है कि जो हम खाना खा रहे हैं, उसके भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और फायदे मिलें। ऐसे में सुनिश्चित करें कि आप अपना खाना धीरे-धीरे चबाएं और छोटे-छोटे निवाले लें। बड़े निवाले लेने से बचें। बिना किसी व्यवधान के शांत वातावरण में खाना खाना मददगार हो सकता है।

इसके अलावा भोजन के दौरान पानी न पिएं, क्योंकि इससे आपका पेट जल्दी भर सकता है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इसके बजाय पाचन में सहायता के लिए भोजन से 20 से 30 मिनट पहले पानी पीने की कोशिश करें। इसके साथ ही खानपान की आदतों में साधारण परिवर्तन से पेट के स्वास्थ्य और लॉग टर्म स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।