हमारा लाइफस्टाइल पूरी तरह बिगड़ चुका है। गांव के लोगों की तुलना में शहरी आबादी ज्यादा आलसी है और उसकी जीवनशैली भी निष्क्रिय है। वर्किंग लोग घंटों डेस्क वर्क करते हैं और घर पहुंच कर खाकर सीधे बिस्तर पर चले जाते हैं। ऐसी निष्क्रिय जीवन शैली बॉडी को बीमारियों का घर बना रही है। सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से बॉडी में कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल के रोगों जैसी गंभीर बीमारियां अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। बॉडी को एक्टिव रखकर आप लाइफस्टाइल से जुड़ी इन बीमारियों से बच सकते हैं।
बॉडी को एक्टिव रखने के लिए साइकिल चलाना बेहतरीन वर्कआउट माना जाता है। साइकिलिंग, कम प्रभावशाली कार्डियो एक्सरसाइज है लगातार इस एक्सरसाइज को किया जाए तो बॉडी में कई तरह के सकारात्मक बदलाव आते हैं।
फिजियोथेरेपिस्ट और सर्टिफाइड पिलेट्स इंस्ट्रक्टर डॉ. वज्जला श्रावणी ने बताया कि रोजाना 30 मिनट तक साइकिल चलाने की एक्सरसाइज करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद असर पड़ता है। एक्सपर्ट ने बताया कि उन्होंने ये अनुभव किया है कि रोजाना साइकिल चलाने की आदत बॉडी को हेल्दी रखती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रोजाना 30 मिनट तक साइकिल चलाने से बॉडी पर कैसा असर होता है।
साइकिल चलाने से दिल की सेहत पर कैसा होता है असर?
डॉ. श्रावणी ने बताया कि रोजाना 30 मिनट तक साइकिल चलाने से दिल की सेहत में सुधार होता है। यह एरोबिक एक्सरसाइज दिल की गति को बढ़ाती है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है जिससे दिल अपना काम ज्यादा कुशल तरीके से करता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक नियमित साइकिल चलाने से हृदय की कार्यक्षमता में सुधार होता है। साइकिल चलाने से ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है और लिपिड प्रोफाइल ऑप्टीमाइज होती है और खराब कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होता है जिससे दिल के रोगों से बचाव होता है। लगातार साइकिल चलाने से शरीर में ऑक्सीजन का अधिक कुशलता से उपयोग करने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे एरोबिक क्षमता बढ़ती है। इससे सहनशक्ति में सुधार होता है और बॉडी में थकान के बिना लंबे समय तक शारीरिक गतिविधि करना संभव हो जाता है। रोजाना साइकिल चलाने से हृदय और मांसपेशियों की सहनशीलता बढ़ती है।
मांसपेशियां होती है मजबूत
डॉ. श्रावणी बताती हैं कि हर दिन 30 मिनट तक साइकिल चलाने से आपकी मांसपेशियों में ताकत बढ़ती है, लचीलापन आता है। साइकिल चलाना मुख्य रूप से क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और पिंडलियों समेत शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर असर करता है। नियमित साइकिल चलाने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उनमें लचीलापन आता है, खासतौर पर घुटनों, कूल्हों और टखनों में।
ओवर ऑल फिटनेस पर पड़ता है असर
साइकिल चलाने से पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। दिल की सेहत से लेकर मांसपेशियों की ताकत और जोड़ों में लचीलापन भी बढ़ता है। यह एक्सरसाइज वजन कंट्रोल करने का असरदार तरीका है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, 30 मिनट तक साइकिलिंग चलाने से 200-400 कैलोरी बर्न हो सकती है।
मानसिक सेहत में होता है सुधार
रोजाना आधे घंटे की एक्सरसाइज करने से मानसिक सेहत में भी सुधार होता है। यह एक्सरसाइज नेचुरल मूड बढ़ाने वाले एंडोर्फिन और सेरोटोनिन को रिलीज करके तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करती है। साइकिल चलाने से नींद में सुधार होता है। रोजाना साइकिल चलाने से मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है,याददाश्त दुरुस्त रहती है और संज्ञानात्मक कार्यों में बढ़ोतरी होती है।
