शरीर के प्रमुख अंगों में से एक लिवर पित्त का उत्पादन करने, पोषक तत्वों को एनर्जी में बदलने और खून को साफ करने में मदद करता है। लेकिन वर्तमान समय में खराब खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण लिवर पर अतिरिक्त फैट इक्ट्ठा हो जाता है, जिसके कारण उस पर सूजन या फिर सिकुड़न आ जाती है। फैटी लिवर को मेडिकल टर्म में हेप्टिक स्टोटोसिस कहा जाता है।

फैटी लिवर दो तरह का होता है, एल्कोहलिक फैटी लिवर और नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर। शराब का अधिक सेवन करने से एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या होती है, इस स्थिति में लिवर पर फैट बढ़ जाने से सूजन आ जाती है। वहीं एल्कोहलिक फैटी लिवर की स्थिति खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण होती है। इसके अलावा मोटापा, अनुवांशिकता, हाइपरलीपिडीमा, किसी दवाई का साइड इफेक्ट और डायबिटीज के कारण भी लिवर पर फैट जम जाता है। एक स्टडी के मुताबिक आज दुनिया का एक तिहाई हिस्सा फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहा है। लिवर पर अतिरिक्त फैट इक्ट्ठा हो जाने के कारण हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर के लक्षण: फैटी लिवर के मरीजों को अधिक थकान, पेट के दाईं तरफ ऊपरी हिस्से में दर्द और वजन कम होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

बचाव के उपाय: स्वास्थ्य विशेषज्ञ फैटी लिवर के मरीजों को स्वस्थ खानपान और लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह देते हैं। आप अपने रूटीन में योग और एक्सरसाइज को शामिल करने के साथ ही इन चीजों का भी सेवन कर सकते हैं। इस डाइट को फॉलो करने से आपको लिवर से सूजन कम होने लगती है।

फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति अपने खाने में छाछ को शामिल कर सकते है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ फ्लस आउट करने में मदद मिलती है। साथ ही रोगी फूल गोभी और पत्ता गोभी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व लिवर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। आप चाहें तो अपने खाने में प्याज को भी शामिल कर सकते हैं।