पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान बेहद असहज महसूस करता है। दर्द और बढ़ती परेशानी की वजह से उठना-बैठना तक दूभर हो जाता है। ये बीमारी खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपती है। पूरी दुनिया में करोड़ों लोग इस बीमारी से परेशान रहते हैं। देश और दुनिया में पाइल्स के मरीजों की तादाद में इज़ाफा हो रहा है। इस बीमारी के कारणों की बात करें तो कब्ज इस बीमारी का मुख्य कारण हैं। कब्ज की वजह से ही एनस से संबंधित बीमारियां जैसे पाइल्प, फिशर और फिस्टुला होता है। इस बीमारी में गुदा द्वार की नसे सूजने लगती है। एनस के अंदरूनी और बाहरी हिस्से पर मस्से निकलने लगते हैं।
होम्योपैथी डॉक्टर सीतल टोंगसे के मुताबिक अगर खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए तो आसानी से बिना सर्जरी और दवाई के इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी का मुख्य कारण कब्ज है। कब्ज की वजह से कई बार स्टूल पास करते समय ये मस्से बाहर आने लगते हैं और इनसे खून तक आने लगता है।
अब सवाल ये उठता है कि किसी भी शख्स को कैसे पता चलें कि उसे बवासीर की बीमारी हैं। बवासीर की बीमारी होने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं। अगर बवासीर के लक्षणों की शुरुआत में पहचान कर ली जाएं तो घरेलू उपायों को अपनाकर ही इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं पाइल्स के शुरुआती लक्षण कौन-कौन से होते हैं और उनसे कैसे बचाव करें।
पाइल्स है तो कैसे चेक करें
- मलत्याग के बाद चमकीला लाल ब्लड डिस्चार्ज होना
- एनस में खुजली होना
- शौचालय जाने के बाद भी मलत्याग करने की इच्छा महसूस होना
- एनस को पोंछने के बाद अपने अंडरवियर में या टॉयलेट पेपर पर बलगम जैसा चिपचिपा पदार्थ दिखना
- एनस के आस-पास गांठ होना
- गुदा के आस-पास दर्द होना
बवासीर के लक्षणों की कैसे रोकथाम करें:
- अपने मल को मुलायम रखने के लिए लिक्विड फूड्स का ज्यादा सेवन करें।
- डाइट में फाइबर वाले फूड्स का सेवन करें।
- नम टॉयलेट पेपर से अपने गुदा मार्ग को पोंछें
- बवासीर में दर्द हो तो पैरासिटामोल लें
- खुजली और दर्द को कम करने के लिए सिज बाथ टब में सिकाई करें। सिकाई करने से जलन, सूजन और दर्द कम करने में मदद मिलती है।
- बैठने उठने में ज्यादा असुविधा हो रही है तो आइस पैक से सिकाई करें।
- गुदा के आस-पास के हिस्से को सूखा और साफ रखें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- कब्ज से बचने के लिए शराब और कैफीन जैसे चाय, कॉफी और कोला का सेवन कम करें।