यूरिक एसिड का बनना एक नॉर्मल प्रोसेस है जिसे एक अपशिष्ट उत्पाद के रूप में जाना जाता है। प्यूरीन रासायनिक पदार्थ होते हैं जो शरीर में और कुछ खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से मौजूद होते हैं। जब शरीर प्यूरीन को तोड़ता है, तो यह यूरिक एसिड को अपशिष्ट उत्पाद के रूप में बनाता है। किडनी इसे ब्लड से छान कर यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। यूरिक एसिड का बनना और उसका बॉडी से बाहर निकलना एक नॉर्मल प्रोसेस हैं।

ज्यादातर लोग हाई यूरिक एसिड की समस्या से परेशान रहते हैं। यूरिक एसिड हाई होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे मेटाबॉलिक लक्षण, शराब पीना, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और प्यूरिन डाइट की वजह से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। जोड़ों में दर्द, मसल्स में दर्द, उठने-बैठने में जोड़ों में दर्द होना, पैरों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होना और एड़ियों में दर्द की शिकायत होना हाई यूरिक एसिड के संकेत हो सकते हैं।

आप जानते हैं कि यूरिक एसिड का बॉडी में बढ़ना जितना परेशान करता है उतना ही उसका कम होना भी परेशानी का सबब बनता है। जिन लोगो की बॉडी में यूरिक एसिड नहीं बनता उनको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन है जिसे किडनी फिल्टर करके बॉडी से बाहर निकाल देती है लेकिन जिन लोगों की बॉडी में ये टॉक्सिन नहीं बनते उन्हें कई बीमारियों का खतरा हो सकता है। बॉडी में यूरिक एसिड नहीं बनने के लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। आइए जानते हैं कि यूरिक एसिड घटने से कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

दिल के रोगों का खतरा बढ़ सकता है:

जिन लोगों की बॉडी में यूरिक एसिड कम बनता है उन्हें दिल के रोगों का खतरा अधिक रहता है। आमतौर पर शरीर में 3.5 से 7.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर यूरिक एसिड की मात्रा मौजूद होनी चाहिए इससे कम मात्रा बॉडी को बीमारियों का घर बना देती है।

कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है:

यूरिक एसिड का स्तर कम होने से शरीर में एंटी -ऑक्सीडेंट्स का प्रभाव कम देखने को मिलता है जिसकी वजह से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। लो यूरिक एसिड लेवल से व्यक्ति को पेशाब बेहद कम आता है। यूरिन कम डिस्चार्ज होने से ब्लड में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती हैं।

किडनी के रोगों का खतरा बढ़ सकता है:

यूरिक एसिड कम होने से किडनी की दुर्लभ बीमारी फैंकोनी सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी की वजह से किडनी कुछ पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाती है ।

डिहाइड्रेशन की परेशानी हो सकती है:

यूरिक एसिड का स्तर कम होने से बॉडी में डिहाइड्रेशन की परेशानी हो सकती है।

विल्सन डिजीज का बढ़ सकता है खतरा:

बॉडी में कम यूरिक एसिड बनने से विल्सन डिजीज का खतरा अधिक हो सकता है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें कॉपर बॉडी के जरूरी अंगों में असामान्य रूप से जमा हो जाता है।

यूरिक एसिड कम हो जाए तो डाइट में करें इन फूड्स को शामिल:

  • यूरिक एसिड कम होने से परेशान हैं तो रोजाना दो से तीन अखरोट का सेवन करें।
  • डाइट में फाइबर वाले फूड जैसे ओटमील, दलिया, बींस, ब्राउन राईस का सेवन करें।
  • अजवाईन का सेवन भी यूरिक एसिड का स्तर नॉर्मल करने में बेहद असरदार साबित होता है।