महिलाओं के लिए मां बनना जितना बड़ा सुख है उतनी ही ज्यादा परेशानियां भी हैं। कंसीव करने के बाद से ही महिलाओं की बॉडी में हार्मोनल चेंजेस होना शुरू हो जाते हैं। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होती हैं जैसे मिचली आना, चक्कर आना, वजन बढ़ जाना, चिड़चिड़ापन होना और पेट में दर्द होना शामिल है। प्रेग्नेंसी का समय ज्यादातर महिलाओं के लिए तकलीफदेह होता हैं।
महिलाओं में होने वाली ये तकलीफें बच्चे के जन्म के बाद ठीक भी हो जाती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के पहले तिमाही महीने में महिलाओं को अधिक परेशानी होती है। लेकिन आप जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने का खतरा भी अधिक रहता है। आइये जानते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में कौन सी बीमारियों का खतरा अधिक रहता है और कैसे इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज होने का खतरा:
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज की समस्या होना का खतरा भी अधिक रहता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज की समस्या होती है उनके शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है जिसके कारण गर्भवती महिलाएं और होने वाले बच्चे को भरपूर मात्रा में ऊर्जा नहीं मिल पाती हैं। बता दें कि डायबिटीज होने पर गर्भवती महिलाएं डॉक्टर से संपर्क करें और शुगर को कंट्रोल रखें। इसके अलावा डाइट में मीठे से परहेज करें।
प्रेग्नेंसी में थॉयराइड की हो सकती है बीमारी:
गर्भावस्था के समय महिलाओं में थॉयराइड की समस्या हो सकती है। थायराइड 2 प्रकार का होता है हाइपरथाइरॉयडिज्म और हाइपोथाइरॉयडिज्म। हाइपरथाइरॉयडिज्म में शरीर में अधिक मात्रा में थायराइड बनने लगता है वहीं दूसरी ओर हाइपोथाइरॉयडिज्म शरीर में थायराइड बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है।
बता दें कि गर्भावस्था में महिला के साथ साथ बच्चे को भी सही मात्रा में थॉयराइड मिलना चाहिए। थॉयराइड में गड़बड़ी के कारण महिलाओं का गर्भपात भी हो जाता है इसलिए इस समस्या को हल्के में बिल्कुल न लें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।
लिवर की बीमारी का बढ़ सकता है खतरा:
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अक्सर महिलाओं में 35वे या 36वे सप्ताह के समय लिवर से जुड़ी परेशानी हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिवर में हेपेटाइटिस ई की समस्या हो सकती है। आम लोगों को हेपेटाइटिस ई की समस्या से रिकवर होने में कुछ समय ही लगता है लेकिन गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।
गर्भवती महिलाएं लिवर में कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें साथ ही ऐसी समस्याओं को नजरअंदाज बिल्कुल न करें।