आज के समय में खराब खानपान और जीवन-शैली के कारण लोग फैटी लिवर जैसी समस्या की चपेट में आ जाते हैं। लिवर शरीर का एक सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। साथ ही बॉडी में एंजाइम और विटामिन बनाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक दवाइयों और शराब को पचाने में भी लिवर काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में इसे सुरक्षित रखना बेहद ही जरूरी है। खराब खानपान के साथ ही अधिक शराब के सेवन से भी लिवर डैमेज हो जाता है।

बता दें लिवर में मौजूद अल्कोहल डिहाइड्रोजिनेस नाम का एंजाइन शराब को ब्रेकडाउन करता है, जिसके कारण शराब Acetaldehyde में बदल जाता है। असिटाएल्डिहाइट बेहद ही एसिडिक होता है और इसी के कारण लिवर डैमेज की समस्या होती है। जाने माने लिवर और मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट सर्जन, डॉक्टर बिपिन विभूते के अनुसार शरीर में जब भी असिटाएल्डिहाइट की मात्रा बढ़ती है तो इसके कारण लिवर खराब होना शुरू हो जाता है, इसमें सूजन और फैट बढ़ना शुरू हो जाता है। इसी के साथ अल्कोहलिक हेपेटाइटिस, फाइब्रोसिस और सिरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

बिपिन विभूते के मुताबिक जितने भी लोग शराब का सेवन करते हैं, उनमें से 30 प्रतिशत लोगों को लिवर की बीमारियां होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

एक्सपर्ट की मानें तो व्यक्ति का लिवर एक घंटे में केवल एक यूनिट अल्कोहल की पचा सकता है। लेकिन अगर हम एक घंटे में एक यूनिट (10ml Pure Alcohol) से ज्यादा शराब का सेवन करते हैं तो यह खून में रह जाता है, जिससे व्यक्ति को नशा होता है। इसी के कारण मनुष्य का दिल, किडनी और लिवर खराब होते हैं।

कितना अल्कोहल लेना होता है सेफ: वैसे तो व्यक्ति को शराब के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि एक सीमित मात्रा से अधिक शराब पीने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शराब व्यक्ति की सेफ लिमिट व्यक्ति के उम्र, वजन और हाइट समेत कई चीजों पर निर्भर करता है। यूके गाइडलाइन के अनुसार व्यक्ति को एक हफ्ते में 12-14 यूनिट से ज्यादा अल्कोहल नहीं लेना चाहिए। एक दिन में 2-5 यूनिट से ज्यादा अल्कोहल का सेवन नहीं चाहिए और एक घंटे में एक यूनिट से ज्यादा अल्कोहल नहीं लेना चाहिए।