आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान मोटापा बहुत आम समस्या बन गया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (2019-21) के कुछ आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर चार में लगभग एक पुरुष या महिला का वजन अधिक है। हालांकि, अधिक वजन या मोटापा से परेशान लोगों की संख्या राज्य दर राज्य और गांवों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बहुत अलग है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन के मुताबिक, मोटापे के मामले पिछले 15 वर्षों में दोगुना और पिछले 30 वर्षों में तीन गुना हो गए हैं। दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, सीनियर डायरेक्टर, डॉ. आशीष गौतम ने बताया कि डेली लाइफ में छोटे-छोटे बदलाव करने से वजन को कंट्रोल करते हुए हेल्दी और फिट रहा जा सकता है।
वजन बढ़ना क्यों बना गई आम समस्या
पोषण के मामले में भारत ने काफी तरक्की की है। हम पर्याप्त कैलोरी नहीं मिलने से लेकर जरूरत से अधिक कैलोरी लेने के दौर में पहुंच गए हैं। विश्व खाद्य सुरक्षा और पोषण रिपोर्ट (2024) की मानें, तो स्वस्थ आहार का खर्च 55 प्रतिशत भारतीयों की पहुंच से बाहर है और 40 प्रतिशत लोग पर्याप्त पोषक तत्व से वंचित हैं। एक अन्य समस्या अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड की है। ज्यादा फैट, नमक और चीनी वाली ऐसी चीजें न सिर्फ सस्ती हैं बल्कि हर गली-नुक्कड़ पर आसानी से मिलती हैं, जिसके चलते मोटापा ही नहीं सेहत को भी नुकसान होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, खराब खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के चलते सेहत मोटापा तेजी से बढ़ सकता है। WHO ने मोटापे को एक महामारी का दर्जा दिया है, जिसके कारण हार्ट रोग, शुगर और श्वसन संबंधी समस्याएं जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है।
आहार में नियमितता और पोषण का ध्यान रखना
मील स्किप करना, खासकर सुबह का नाश्ता नहीं करना, बाद में आपको बहुत अधिक खाने पर मजबूर कर सकता है। वहीं तीन बार कंट्रोल मात्रा में संतुलित आहार लेने से भूख कम लगती है और मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है। खाने में साबुत अनाज, दालें, सब्जियां और संतुलित मात्रा में स्वस्थ वसा भी हो तो धीरे-धीरे वजन कम करने और यह कायम रखने में मदद मिल सकती है। ज्यादा प्रोसेस्ड स्नैक्स की जगह फल या मेवे खाएं तो फालतू कैलोरी से बच जाएंगे।
फिजिकल एक्टिविटी
जिम जाए बिना भी रोजाना एक घंटा फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं। छोटे-मोटे काम के लिए पैदल चलना, सीढ़ियां चढ़ना या कम दूर जाना हो तो साइकिल इस्तेमाल करना असरदार हो सकता है। कुछ चीजें पूरे परिवार के संग करने का विशेष लाभ है, जैसे शाम को सैर पर जाना या फिर बच्चों को बाहर खेलने के लिए ले जाना। यहां तक कि घर के काम-काज जैसे झाड़ू लगाना या बागवानी भी फायदेमंद होती है।
पर्याप्त नींद लेना
पर्याप्त नींद नहीं लेने से भूख के हार्मोन बदल जाते हैं, जिसके चलते ऐसी चीजें खाने की इच्छा होती है जिनमें ज्यादा कैलोरी होती है। इसलिए वयस्कों को सात-आठ घंटे सोने की कोशिश करनी चाहिए। बच्चों को तो पर्याप्त सोना और भी जरूरी है, क्योंकि नींद की कमी से भी मोटापे का खतरा बढ़ता है।
स्क्रीन टाइम का ध्यान
घंटों फोन और कंप्यूटर पर समय देने से घूमने-फिरने का समय कम हो जाता है, जिसके जिलते एक्टिविटी कम हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे और बड़े सभी स्क्रीन टाइम की एक सीमा रखें। यह अच्छी सेहत के लिए एक अच्छी आदत है। इससे दिमाग और आंखों पर भी असर पड़ता है।
दो खाने के बीच स्नैक्स के बजाय पानी पीना
स्नैक्स से बचने का एक उपाय पानी पीना भी है, लेकिन ध्यान रखें कि पैक में उपलब्ध फ्रूट जूस और अन्य मीठे पेय में जो कैलोरी होती है। वह इसके सबसे आम स्रोतों में से एक है। इसलिए बेहतर होगा कि आप सादा पानी, नींबू पानी या बिना चीनी वाले पेय लीजिए। यह कैलोरी पर काबू रखने का आसान उपाय है।
वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।