वॉक करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। रोज़ाना सुबह और शाम में वॉक करने से वजन कंट्रोल रहता है और कई बीमारियों से भी बचाव होता है। वॉक से कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज,ब्लड प्रेशर और थॉयराइड को कंट्रोल किया जा सकता है। वॉक करने से हड्डियों की क्षमता में सुधार होता है और ओस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है। वॉक पैरों और घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। सेहत के लिए उपयोगी वॉक के बुजुर्गों के लिए बेहद फायदे हैं। बढ़ती उम्र का सबसे ज्यादा असर याददाश्त पर पड़ता है। इस उम्र में अगर रेगुलर वॉक की जाए तो याददाश्त को दुरुस्त रखा जा सकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक नई रिसर्च के मुताबिक वॉक करने से मस्तिष्क के तीन नेटवर्कों के पास और उनके बीच संबंध बढ़ता है, जिसमें अल्जाइमर रोग से जुड़ा एक नेटवर्क भी शामिल है। एक्सरसाइज ब्रेन की हेल्थ में सुधार करने में असरदार है।
इस महीने जर्नल फॉर अल्जाइमर डिजीज रिपोर्ट्स में प्रकाशित इस अध्ययन में वृद्ध वयस्कों के मस्तिष्क और घटना को याद करने के कौशल की जांच की गई, जो स्मृति, तर्क और निर्णय जैसी मानसिक क्षमताओं में मामूली गिरावट है जो अल्जाइमर के लिए एक जोखिम कारक है।

वॉक करने से मस्तिष्क की हेल्थ पर दिखता है सकारात्मक प्रभाव

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने वॉक का मस्तिष्क की सेहत पर असर जानने के लिए रिसर्च में 71 से 85 साल के 33 फीसदी प्रतिभागियों को शामिल किया। रिसर्च में शामिल लोगों पर 12 हफ्तों तक अध्ययन किया गया। रिसर्च में शामिल लोगों को चार हफ्तों तक ट्रेडमिल पर चलने को कहा गया। ट्रेडमिल पर चलने वाले लोगों में अल्जाइमर रोग से जुड़े तीन मस्तिष्क नेटवर्क के बीच कनेक्शन में सुधार हुआ।

स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के काइन्सियोलॉजी प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख अन्वेषक जे. कार्सन स्मिथ ने बताया कि बुजुर्ग लोग स्पष्ट रूप से सोचने और चीजों को याद रखने की क्षमता खो देते हैं, ऐसे में वॉक जैसी एक्सरसाइज ब्रेन के कनेक्शनों को मजबूत करती है और याददाश्त में सुधार करती है। यह अध्ययन स्मिथ के पिछले शोध पर आधारित है, जिसमें दिखाया गया था कि कैसे वॉक करने से हल्के संज्ञानात्मक नुकसान वाले वृद्ध वयस्कों के मस्तिष्क के कार्य में सुधार हो सकता है।

याददाश्त बढ़ाती है वॉक

यह निष्कर्ष जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज रिपोर्ट्स में भी प्रकाशित हुआ। शोधकर्ताओं के अनुसार बढ़ती उम्र में लोग स्पष्ट रूप से सोचने और चीजों को याद रखने की क्षमता खो देते हैं। वाकिंग इन संबंधों को मजबूत करती है।