विटामिन डी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। ये खास विटामिन बॉडी का कैल्शियम बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है। ये तनाव को दूर कर डिप्रेशन के खतरे को कम करता है। इसके अलावा विटामिन डी टी-सेल्स का प्रोडक्शन तेज करने में भी सहायक है। आपको बता दें कि टी-सेल इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए जरूरी होती हैं। ये सेल्स ही शरीर को किसी तरह के बाहरी आक्रमण, बैक्टीरिया, फंगस आदि के संक्रमण से बचाने का काम करती हैं। हालांकि, इन तमाम फायदों से अलग बॉडी में विटामिन डी की अधिक मात्रा सेहत के लिए बेहद हानिकारक भी साबित हो सकती है।
शरीर में विटामिन डी की अधिकता को विटामिन-डी टॉक्सिसिटी या हाइपरविटामिनोसिस डी कहा जाता है, जो एक खतरनाक स्थिति है। इसके अलावा विटामिन डी की अधिकता सेहत को और भी कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से, साथ ही जानेंगे उम्र के हिसाब से किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी का लेवल कितना होना चाहिए।
अधिक विटामिन डी के साइड इफेक्ट्स
हड्डियों को पहुंचाता है नुकसान
जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, हड्डियों को मजबूती देने के लिए विटामिन डी बेहद जरूरी है। हालांकि, इसकी अधिक मात्रा हड्डियों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। अत्यधिक विटामिन डी के चलते शरीर में कैल्शियम की मात्रा भी सामान्य से ज्यादा हो जाती है, जिसे हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है। विटामिन डी बढ़ने के कारण रक्त प्रवाह में ज्यादा कैल्शियम बढ़ सकता है, जिससे हार्मोन के लिए हड्डियों तक पोषक तत्व पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते आपको जोड़ों में तेज दर्द, अकड़न और सूजन का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही गंभीर मामलों में फ्रेक्चर या अंदरूनी चोट का खतरा भी बढ़ जाता है।
किडनी को पहुंच सकता है नुकसान
हाइपरकैल्सीमिया किडनी के लिए भी खतरनाक है। अधिक विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाता है, जिसके चलते किडनी में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा गंभीर मामलों में किडनी डैमज भी हो सकती हैं।
उल्टी और मतली
बहुत अधिक विटामिन डी लेने से मॉर्निंग सिकनेस, उल्टी और मतली हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विटामिन डी आपके पाचन को काफी हद तक इफेक्ट करता है, ऐसे में इसकी अधिक मात्रा होने पर आपको पाचन से जुड़ी समस्या, बार-बार उल्टी आना, अधिक कमजोरी महसूस करना आदि समस्याओं का सामना करने पड़ सकता है।
भूख ना लगना
अगर आपको भूख ना लगने जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो ये भी शरीर में विटामिन डी की अधिकता के चलते हो सकता है। ऐसा होने पर भी एक बार शरीर में विटामिन डी का लेवल जरूर चैक कर लें।
क्या है सही मात्रा?
एनआईएच (NIH) यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक साल की उम्र से लेकर 70 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति तक के लिए विटामिन डी का 50 nmol/L(20 ng/mL) या इससे अधिक का लेवल का होना नोर्मल होता है। वहीं, 30 nmol/L(12 ng/mL) से कम लेवल शरीर में विटामिन डी की कमी माना जाएगा। इसके अलावा 125 nmol/L (50 ng/mL) या इससे ज्यादा लेवल विटामिन डी की अधिकता है, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकती है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।