जाती सर्दी के साथ एक बार फिर वायरल फीवर के मामले बढ़ने लगे हैं। आलम ये है कि परिवार में किसी एक सदस्य को वायरल होने पर केवल 2 से 3 दिन में बाकी सदस्य भी बीमार हो जा रहे हैं। अब, क्योंकि मौसम में बदलाव होने पर खांसी, जुकाम, शरीर में अकड़न और हल्का बुखार होना सामान्य परेशानियां हैं, ऐसे में अधिकतर लोग वायरल और नॉर्मल बुखार में अंतर नहीं समझ पाते हैं। इसके चलते वे कई बार वे वायरल होने पर भी सामान्य बुखार की दवाएं लेते रहते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इन दोनों के लक्षण और उपचार अलग होते हैं। ऐसे में वायरल फीवर और नॉर्मल बुखार में अंतर समझना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कैसे पहचानें दोनों के बीच फर्क-
इन लक्षणों से करें पहचान
सामान्य बुखार | वायरल फीवर |
नॉर्मल फीवर आमतौर पर हल्का होता है और एक से दो बार दवाई लेने से ठीक हो जाता है। | वायरल फीवर ज्यादा खतरनाक हो सकता है, इसमें शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ सकता है जो कई बार दवा लेने के बाद भी कम नहीं हो पाता है। |
नॉर्मल बुखार आमतौर पर हल्के संक्रमण के कारण होता है, जिनसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लड़ सकती है। कई बार पर्याप्त आराम करने पर इसके लक्षण खुदबखुद ठीक होने लगते हैं। | वायरल फीवर का मुख्य कारण गंभीर वायरल संक्रमण जैसे इन्फ्लूएंजा, डेंगू, चिकनगुनिया आदि होते हैं और ये वायरस शरीर की प्रतिरक्षा को कमजोर करते हैं। इसकी वजह से तेज बुखार और अन्य लक्षण नजर आते हैं। |
नॉर्मल फीवर आमतौर पर एक से दो दिन में ठीक हो जाता है, साथ ही इससे रिकवर होने में भी अधिक समय नहीं लगता है। | वायरल बुखार को ठीक होने में 5 से 7 दिन लग सकते हैं। वहीं, अगर सही इलाज न मिले तो ये समय और अधिक भी बढ़ सकता है। साथ ही बुखार उतरने के बाद भी पीड़ित को लंबे समय तक कमजोरी, हाथ-पैरों में दर्द, थकान, आदि समस्याएं परेशान करती हैं। |
नॉर्मल बुखार एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता नहीं है। | ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है और इसके लिए तुरंत मेडिकल इलाज की जरूरत होती है। |
नॉर्मल फीवर में आमतौर पर शरीर का तापमान 100-102 डिग्री फारेनहाइट तक का होता है। | वायरल फीवर ज्यादा गंभीर होता है और इसमें शरीर का तापमान 102-104 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच सकता है। |
नॉर्मल फीवर होने पर व्यक्ति को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत नहीं पड़ती है। सही इलाज, समय पर दवा और पर्याप्त आराम करना काफी होता है। | वायरल फीवर होने पर एक्सपर्ट्स खास सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। इसमें इलाज, दवाओं और आराम के साथ-साथ मास्क लगाना, दूसरे की चीजों जैसे तौलिया, कपड़े, यहां तक की कंघी आदि का इस्तेमाल भी न करने की सलाह दी जाती है। |
क्या है ज्यादा खतरनाक?
ऊपर लिखी गई बातों से साफ है कि सामान्य बुखार के मुकाबले वायरल फीवर अधिक खतरनाक हो सकता है। साथ ही इसमें तुरंत उपचार और सही इलाज की जरूरत होती है। ऐसे में बीमार महसूस होने पर खुद कोई दवा लेने से बचें और एक बार डॉक्टर से जांच जरूर करा लें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।