बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल हाल ही में अपने भाई सनी कौशल के साथ ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ का हिस्सा बनने पहुंचे थे। शो में हंसी-ठहाकों और बातचीत के दौरान सनी कौशल ने विक्की कौशल से जुड़ी एक विचित्र बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि विक्की कई बार रात को गहरी नींद में बातें करने लगते हैं, साथ ही वे आंख खोलकर सोते हैं।
सनी कौशल ने बताया, ‘विक्की नींद में बातें करता था। एक रात वो गहरी नींद में सो रहा था लेकिन फिर अचानक उसने अपना कंबल हटाया और कहने लगा कि ले चैक कर ले। मैं एक पल के लिए हैरान रह गया, फिर हैरानी के साथ ही मैंने पूछा कि क्या चैक करना है। इसपर विक्की ने नींद में फिर जवाब दिया कि मेरा पेपर खत्म हो गया है, तू चैक कर ले। तब मुझे समझ आया कि ये नींद में बात कर रहा है।’ इतना ही नहीं, सनी कौशल ने आगे बताया, ‘नींद में बोलते समय विक्की की आंखें भी पूरी खुली होती हैं, ऐसे में ये समझना और मुश्किल हो जाता है कि वो सो भी रहा है या नहीं।’
कितना नॉर्मल है ऐसा होना?
इसे लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान केयर हॉस्पिटल्स, हाईटेक सिटी, हैदराबाद में इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया, ‘सोते समय आंखों के खुले रहने की स्थिति को नॉक्टर्नल लैगोफथाल्मोस (Nocturnal lagophthalmos) कहा जाता है। ये स्थिति आनुवंशिक कारणों के चलते हो सकती है, मांसपेशियों के कमजोर होने पर ऐसा हो सकता है या किसी अन्य बीमारी की चपेट में आने पर भी गहरी नींद में होने के बावजूद पकलें खुली रह सकती हैं।’
डॉ. के मुताबिक, ‘वैसे तो कई मामलों में ऐसा होना अधिक चिताजनक नहीं होता है। आमतौर पर लोग आंख खोली होने के बाद भी गहरी नींद सो लेते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में ये स्थिति परेशानी भी बढ़ा सकती है। सोते समय आंखों के खुला रहने पर कुछ लोगों को आंखों में ड्राईनेस की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस स्थिति में नींद की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपको भी इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो एक बार जांच जरूर कराएं।’
कितना चिंताजनक है नींद में बोलना?
इस सवाल को लेकर ड़ॉ. बताते हैं, ‘नींद में बोलना या बात करना मुख्य रूप से REM (रैपिड आई मूवमेंट) नींद के दौरान होता है। ऐसा होना भी आमतौर पर चिंताजनक नहीं है। अगर आप कभी-कभी नींद में बातें करने लगते हैं, तो ये एक नॉर्मल स्थिति है। कई बार किसी बात का अधिक स्ट्रेस लेने या नींद पूरी न होने पर व्यक्ति इस तरह सोते समय बड़बड़ाने लगता है। ऐसे में खुद को तनाव से दूर रखें और 8-9 घंटे की पर्याप्त नींद लें।’
डॉ. राहुल अग्रवाल के मुताबिक, ‘जब तक नींद में बोलने या पलकों के पूरी तरह बंद न होने की स्थिति आपकी नींद की गुणवत्ता में खलल नहीं डाल रही है, तब तक ऐसा होना सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, अगर इसके चलते आपको आंखों में ड्राईनेस, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, तो एक बार हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें।’
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।