खर्राटे आना एक सामान्य स्लीपिंग डिसऑर्डर है। यह तब होता है जब सोते समय गले के पीछे के ऊतक कंपन करते हैं। इससे कर्कश आवाज आती है, जिसे खर्राटे कहते हैं। यह आवाज नाक और मुंह से आती है। लंबे समय तक खर्राटे आने से हार्ट और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इससे दिन में थकान और कमजोरी महसूस होती है। रोजाना खर्राटे आने से ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। इसके अलावा नींद में खर्राटे ना सिर्फ आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं, बल्कि आपकी रिलेशनशिप को प्रभावित करते हैं। ऐसे में कई लोग खर्राटों को कम करने के लिए एक्यूसनोर एंटी स्नोर मैग्नेटिक नोज क्लिप (Acusnore Anti Snore Magnetic Nose Clip) का इस्तेमाल करते हैं।
खर्राटों की इस बीमारी से निजात पाने का उपाय कुछ समय के लिए तो उपयोग में लाया जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक इसका उपयोग सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। Snore Free Nose Clip एक ऐसा क्लिप है, जिसे आसानी से नाक में फिट किया जा सकता है और इसे खर्राटों की कर्कश आवाज से निजात मिल जाती है। ये नोज क्लिप नाक के मार्ग को चौड़ा करते हैं और वायु प्रवाह को बेहतर बनाते हैं, जिससे आवाज कम हो जाती है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अनुराग टंडन ने इस नोज क्लिप के इस्तेमाल और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। चलिए आपको बताते हैं इस Snore Free Nose Clip का इस्तेमाल कैसे हानिकारक हो सकता है और इससे क्या गंभीर समस्या हो सकती है।
डॉ. अनुराग टंडन ने बताया कि एक्यूसनोर एंटी स्नोर मैग्नेटिक नोज क्लिप में मैग्नेट होती है और चेहरे पर किसी भी तरह के चुम्बक का इस्तेमाल करने से दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। हमारे शरीर के रक्त में आयरन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और चुम्बक यानी मैग्नेट रक्त वाहिकाओं में थक्के बना सकते हैं जो जानलेवा भी हो सकते हैं। हालांकि, खर्राटों से निजात पाने के लिए कुछ उपाय फायदेमंद हो सकते हैं।
नाक की पट्टियां या डाइलेटर
हल्के नाक बंद होने वाले व्यक्तियों के लिए नाक की पट्टियां या डाइलेटर बहुत ही असरदार हो सकता है। इसका उपयोग बहुत से लोग करते हैं और ये एक प्रभावी उपाय है।
लाइफस्टाइल में बदलाव
नींद में खर्राटों की समस्या से निजात पाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत ही असरदार हो सकता है। वजन कम करने, शराब का सेवन कम करने और धूम्रपान छोड़ने से नींद की गुणवत्ता में काफी सुधार हो सकता है और खर्राटों से निजात मिल सकती है।
सोने की स्थिति
सोने के तरीके से भी खर्राटों पर असर पड़ता है। पीठ के बल सोने के बजाय करवट लेकर सोने से गले की रुकावट को रोकने में मदद मिल सकती है।
स्लीप एप्निया की हो सकती है समस्या
लगातार या तेज खर्राटे लेना, घुटन, हांफना या दिन में अत्यधिक नींद आना जैसे लक्षण होना, स्लीप एप्निया या अन्य गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकता है।
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