सभी वात या आर्थराइटिस एक प्रकार के नहीं होते। आर्थराइटिस के 20 से भी ज्यादा प्रकार है। गाउट गठिया एक तरह का वात या आर्थराइटिस है, जो जोड़ो में यूरिक एसिड (Uric Acid) के जमा होने से होता है। सिर्फ बढ़े हुए यूरिक एसिड को गाउट नहीं कहते हैं। अस्वस्थ जीवनशैली या अनुवांशिक प्रवृति के कारण यूरिक एसिड बढ़कर जोड़ो और अन्य अंगो में जमा होने लगता है। यूरिक एसिड बढ़ने के कारण व्यक्ति को भयंकर दर्द और सूजन के साथ जोड़ो में दौरे (Gout Attack) पड़ते है। अगर समय पर आपने इसका इलाज नहीं करवाया तो यूरिक एसिड जमा होकर दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचा सकता हैं।
मेथी दाने का इस्तेमाल: दरअसल, मोटापा यूरिक एसिड के बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक है। एक शोध के मुताबिक रोजाना 500 ग्राम मेथी के दाने खाने से वजन कम होता है। दरअसल मेथी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मददगार होता है। मेथी दाने में विटामिन बी 6, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट आदि तत्व मौजूद होते हैं।
खूब पानी पिएं: हाई यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। स्वास्थ्य विषेशज्ञों के मुताबिक पानी, एसिड को पतला बनाने में मदद करता है और किडनी को सक्रीय करता है, जिससे यूरिन के माध्यम से शरीर से यूरिक एसिड बाहर हो जाता है।
अजवाइन का उपयोग: बढ़ी हुई यूरिक एसिड की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए अजवाइन का उपयोग भी कर सकते हैं। क्योंकि अजवाइन में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जिनकी वजह से हाथ पैर और जोड़ों की सूजन कम हो सकती है। अजवाइन में एंटीबायोटिक तत्व भी पाए जाते हैं जिनकी वजह से दर्द में भी राहत मिलती है।
बेकिंग सोडा: शरीर में नेचुरल अल्कलाइन के स्तर को सामान्य रखने में बेकिंग सोडा मदद करता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बेकिंग सोडा यूरिक एसिड को घुलनशील बना देता है। घुलने के बाद यूरिक एसिड शरीर से यूरिन के माध्यम से फ्लश आउट हो जाता है।
यूरिक एसिड की वजह से परेशान लोगों को आहार में लाल मांस और शराब की मात्रा को सीमित कर देना चाहिए। साथ ही जंक फूड और मैदा खाने से बचें। मीठे पदार्थों जैसे कि कोला, मिठाईयां और शरबतों से परहेज करना चाहिए, चूंकि मीठे से मोटापा और फिर मोटापे से यूरिक एसिड बढ़ सकता है। कोशिश करें कि अपने आहार में ज्यादा सब्जियां, फल, सूखे मेवे, दालें, गेहूं (Whole Wheat), जई (Jowar), बाजरा आदि अनाजों से बने हुए दलिया या आटे का प्रयोग करें। नींबू या खटाई के परहेज की ज़रूरत नहीं है। नींबू में विटामिन C होता है, जो यूरिक एसिड कम करने में फायदेमंद हो सकता है।