कब्ज एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है। कब्ज की परेशानी होने पर पाचन से जुड़ी परेशानियां जैसे गैस,एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है। कब्ज का अगर लम्बे समय तक इलाज नहीं किया जाए तो ये आंतों में जमा होने लगता है और आंतों में सड़ने लगता है। आंत दो होती हैं एक छोटी आंत तो दूसरी बड़ी आंत जिसे कोलन भी कहा जाता है। हम जो कुछ भी खाते हैं उसके पोषक तत्वों को अवशोषण करने का काम हमारी आंते ही करती है। हम जो भी लिक्विड और सॉलिड फूड खाते हैं हमारी आंतें उसे अवशोषित कर लेती है और उसे पचाने के बाद मल के रूप में बॉडी से बाहर भी निकाल देती हैं। जिन लोगों को कब्ज लम्बे समय तक रहता है उनकी आंतों में खुशकी होने लगती है और आंतें कमजोर होने लगती है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर प्रताप चौहान के मुताबिक आंतों के कमजोर होने के लिए सूजन जिम्मेदार है। आंत कमजोर होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे पेट में गैस और सूजन होना, दस्त या कब्ज होना, भूख में कमी या भूख ज्यादा लगना, पेट दर्द या ऐंठन होना,स्किन की समस्याएं,मानसिक स्थिति में बदलाव और नींद की कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक आंतों में अपच का कारण आंतों में आम का जमा होना हो सकता है जिससे आंतें कमजोर होने लगती हैं। आयुर्वेद में आम से मतलब है कि आंतों में अन्न और पाचन सामग्री का ठीक से पाचन न हो पाना है। आइए जानते हैं कि आंते कमजोर और खुश्क क्यों होती है और इस परेशानी का कैसे उपचार किया जा सकता है।
आंतों में खुश्की और कमजोरी क्यों होती है?
पानी का कम सेवन करने से आंतों में खुश्की बढ़ने लगती है और आंते कमजोर होने लगती हैं। पानी कम पीने से सिर्फ बॉडी ही डिहाइड्रेट नहीं होती बल्कि आंते भी डिहाइड्रेट होती हैं। आंतो को ठीक से पोषण नहीं मिलने से भी आंते कमजोर होने लगती है। लगातार गैस, एसिडिटी और कब्ज की वजह से आंतों को पोषण नहीं मिलता और आंतों में खुश्की बढ़ने लगती है।
आंतों को हेल्दी रखने के लिए इन 10 तरीकों को अपनाएं
- आंतों को हेल्दी रखने के लिए डाइट में बदलाव करें। डाइट में फाइबर रिच फूड्स का सेवन करें। ये फूड कब्ज को दूर करेंगे और पाचन में सुधार करेंगे। फाइबर रिच फूड में आप फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। साबुत अनाज भी फाइबर से भरपूर होता है इसका सेवन करें।
- डाइट में प्रोबायोटिक फूड्स का सेवन करें। ये आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ा सकते हैं। प्रोबायोटिक फूड में आप दही, दही की लस्सी, किमची, खमीर और फर्मेंटेड फूड का सेवन करें।
- बॉडी को हाइड्रेट रखें। पानी का भरपूर सेवन करें। पानी ज्यादा पीने से कब्ज की बीमारी का इलाज होगा और आंतों की सेहत दुरुस्त रहेगी।
- बॉडी को एक्टिव रखें। बॉडी को एक्टिव रखने से गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग की परेशानी दूर होगी। बॉडी को एक्टिव रखने के लिए वॉक,योग,साइकिल चला सकते हैं।
- तनाव और गट हेल्थ का गहरा संबंध है। ज्यादा तनाव में रहने से पेट में गैस, सूजन और अपच हो सकती है।
- खाना समय पर खाएं ज्यादा वक्त तक भूखे नहीं रहें। खाने में मसालेदार और तैलीय खाना नहीं खाएं पाचन बिगड़ सकता है।
- मीठे का ज्यादा सेवन और प्रोसेस फूड का ज्यादा सेवन करने से आंतों में परेशानी पैदा हो सकती है और पाचन बिगड़ सकता है इसलिए इसका सेवन कम करें।
- खाना धीरे-धीरे और अच्छे से चबाकर खाएं पाचन ठीक रहेगा इससे गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या कम होगी।
- आंतों की सेहत को दुरुस्त करने के लिए आप रात की 7-8 घंटों की पूरी नींद लें। नींद पूरी लेने से आंतों की सेहत दुरुस्त रहती है।
- आंतों को हेल्दी रखने के लिए आप आयुर्वेदिक नुस्खों को भी अपना सकते हैं। आप त्रिफला,अदरक और हल्दी का भी सेवन कर सकते हैं।