डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर बहुत अधिक होता है। ब्लड में शुगर का स्तर जो फूड्स हम खाते हैं उनसे बढ़ता है। हमारी बॉडी की कोशिकाओं को एनर्जी के लिए ग्लूकोज की जरूरत होती है। इंसुलिन (insulin)नामक हार्मोन ग्लूकोज (glucose)को आपकी कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। टाइप-1 डायबिटीज (type 1 diabetes)में बॉडी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करती जबकि टाइप-2 डायबिटीज (type 2 diabetes)में पैंक्रियाज इंसुलिन का अपर्याप्त उत्पादन करता है। पर्याप्त इंसुलिन के बिना, ग्लूकोज कोशिकाओं में सामान्य रूप से जल्दी नहीं पहुंचता।

ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने से बॉडी में कई तरह की बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। हाई ब्लड शुगर दिल के रोगों, किडनी और लंग्स को नुकसान पहुंचा सकता है। हाई ब्लड शुगर लम्बे समय तक रहने से आंखों और पैरों पर भी उसका असर देखने को मिलता है। डायबिटीज के मरीजों को फुट प्रोब्लम होना आम बात है। लम्बे समय तक ब्लड शुगर हाई रहने से पैरों की नर्व्स को नुकसान पहुंचने लगता है जिसे डायबिटिक न्योरोपैथी (diabetic neuropathy)कहते हैं।

डायबिटिक न्योरोपैथी की वजह से पैरों का सुन्न होना, झुनझुनी होना, दर्द होना, या पैरों में महसूस करने की क्षमता में कमी होना शामिल है। अगर इस समस्या का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो पैर काटने तक की नौबत आ सकती है। आइए जानते हैं कि डायबिटिक फुट के लक्षण कौन-कौन से है?

ब्लड शुगर में कब आ सकती है पैर काटने की नौबत: (How does diabetes cause foot problems)

मेडीलाइन प्लस के मुताबिक डायबिटीज न्यूरोपैथी में पैर काटने तक की नौबत आ सकती है। डायबिटीज न्यूरोपैथी में ब्लड शुगर अधिक होने से नर्व्स और रक्त कोशिकाएं डैमेज हो जाती है। ऐसे में आप दर्द महसूस नहीं कर पाते हैं। आपके पैर में कट, छाला या अल्सर होने पर आपको पता नही चलता जिससे घाव में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

पैरों में संक्रमण होने पर वो अच्छी तरह से ठीक नहीं होता, क्योंकि क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं आपके पैरों में खराब ब्लड सर्कुलेशन का कारण बनती है। संक्रमण और खराब रक्त प्रवाह गैंग्रीन का कारण बनता है। गैंगरीन की वजह से मांसपेशियां, त्वचा और अन्य ऊतक डैमेज होना शुरू हो जाते हैं। अगर गैंगरीन होने पर ठीक से इलाज नहीं किया जाए तो पैर के क्षतिग्रस्त हिस्से को काटने तक की नौबत आ सकती है। डॉक्टर सर्जरी करके खराब अंग को काट देते हैं ताकि वो पूरी बॉडी को नुकसान नहीं पहुंचा सके।

डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षण:

  • पैरों की स्किन का रंग बदलना,
  • पैरों में सूनापन और सनसनाहट होना,
  • पैरों में संवेदनशीलता का कम होना,
  • पैरों में घाव होना, कभी कभी घाव से मवाद आना,
  • चलने पर दर्द होना शामिल है। अगर डायबिटीज के मरीज पैरों में इस तरह का कोई भी लक्षण महसूस करें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।