टाइफॉइड एक ऐसी बीमारी है जो सलमोनेल्ला टायफी (Salmonella typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। दूषित भोजन और दूषित पानी का सेवन करने से ये संक्रमण तेजी से फैलता है। ये एक ऐसा संक्रामक वायरस है जिससे फूड प्वाइजनिंग होती है। टाइफाइड बुखार को मोतीझरा या मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो मरीज को लम्बे समय तक तेज बुखार रहता है। थकान, सिर दर्द, मतली, पेट दर्द, कब्ज या दस्त की शिकायत इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। अगर इस बीमारी के लक्षणों की समय पर पहचान कर ली जाए तो तुरंत उपचार किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी का इलाज घर में कैसे करें।
लिक्विड डाइट का करें सेवन:
जिन लोगों को टाइफॉइड का बुखार है वो लिक्विड डाइट का सेवन करें। इस बीमारी की वजह से डिहाईड्रेशन की परेशानी का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए लिक्विड फूड्स का सेवन बेहद असरदार होता है। लिक्विड डाइट में आप पानी, जूस, ताजे फलों का जूस और हर्बल टी का सेवन करें। लिक्विड फूड्स का सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और टायफॉइड के लक्षणों से राहत मिलती है।
लहसुन का करें सेवन:
रिसर्च गेट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार लहसुन का सेवन करने से टायफॉइड का उपचार किया जा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर लहसुन खून को साफ करता है। किडनी में जमा गंदगी को बाहर निकालता है। लहसुन का इस्तेमाल आप कच्चा या फिर पकाके कर सकते हैं।
तुलसी भी है असरदार:
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो सूजन और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में असरदार है। तुलसी का सेवन करने से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है और बॉडी हेल्दी रहती है। तुलसी का इस्तेमाल कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता है। तुलसी का सेवन आप अदरक के रस या काली मिर्च के साथ कर सकते हैं। तुलसी के जीवाणुरोधी गुण टाइफाइड के बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं।
सेब का सिरका करें सेवन:
सेब का सिरका टाइफॉइड फीवर में बेहद असरदार साबित होता है। इसमें अम्लीय गुण मौजूद होते हैं जो बॉडी से गर्मी निकालकर तेज बुखार को कम करते हैं। इसका सेवन करने से बॉडी में होने वाली पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है।