डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया जाए तो न सिर्फ ये दिल,किडनी और लंग्स को नुकसान पहुंचाती है बल्कि ये आंखों पर भी अपना कहर ढहाती है।  आप जानते हैं कि डायबिटीज़ मरीजों में आंखों से जुड़ी कई समस्याएं आम हैं। लगातार हाई ब्लड शुगर आंखों की छोटी रक्त नलिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लॉकोमा या यहां तक कि अंधेपन तक का खतरा बढ़ सकता है। परेशानी की बात ये हैं कि आंखों से जुड़ी ये समस्याएं बिना दर्द और चेतावनी के शुरू होती है। लेकिन आप जानते हैं कि कुछ आसान रोजमर्रा की आदतें आंखों को सुरक्षित रख सकती हैं और नुकसान की रफ्तार धीमी कर सकती हैं।

एम्स दिल्ली में डॉक्टर रोहन ने बताया डायबिटीज मरीजों को पता ही नही होता की उनकी आंखों के पर्दे के पीछे डायबिटीज रेटिनोपैथी शुरु हो चुकी है। मरीज को तब पता चलता है जब रेटिना का मुख्य भाग जहां से तीव्र रोशनी बनती है वो प्रभावित होता है और मरीज को दिखना बंद हो जाता है। एक्सपर्ट ने बताया हम चाहते हैं कि मरीज की आंखों में जब बीमारी की शुरुआत होती हैं हम उसी समय बीमारी को पकड़ें। एक्सपर्ट ने बताया डायबिटीज मरीजों की आंखें चाहे जितनी भी स्वस्थ हो वो साल में एक बार अपना रेटिना जरूर चेक कराएं ताकि बीमारी को तुरंत पकड़ा जा सके। 

डायबिटिक रेटिनोपैथी ग्लूकोमा या अंधापन दोनों का कारण बन सकती हैं। अगर मरीज की इस परेशानी से बचना है तो वो अपनी ब्लड शुगर को नॉर्मल करें और डाइट को कंट्रोल करें। आंखों की कुछ एक्सरसाइज इस परेशानी से बचा सकती हैं।  सही देखभाल से डायबिटीज़ के साथ भी आंखें लंबे समय तक स्वस्थ रह सकती हैं। आइए जानते हैं कि डायबिटीज मरीज आंखों की रोशनी को कायम रखने के लिए कौन-कौन से काम कर सकते हैं।

20-20-20 नियम आंखों की थकान रोकने का तरीका

डायबिटीज के मरीज अगर लंबे समय तक स्क्रीन देखते हैं तो इससे रेटिना पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। डायबिटीज मरीज आंखों की देखभाल के लिए  20-20-20 नियम अपनाएं। हर 20 मिनट में, 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकंड तक देखें। यह आदत आंखों में नमी बनाए रखने, ड्राइनेस कम करने और थकान रोकने में मदद करती है। डायबिटीज मरीज इस नियम को अपनाएं फायदा होगा।

गुनगुना पानी धीरे-धीरे पीना

डायबिटीज़ में आंखों का ड्राई होना और धुंधली दृष्टि अक्सर देखी जाती है। इसे रोकने का आसान तरीका है एकदम से बहुत पानी पीने की बजाय दिनभर गुनगुना पानी घूंट-घूंट कर पिएं। इससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होगा और ब्लड शुगर नॉर्मल रहेगा। इस तरह पानी पीने से आंखों को भीतर से नेचुरल नमी मिलती है। यह आदत आंखों की हाइड्रोजन को नेचुरल तरीके से सपोर्ट करती है और आर्टिफिशियल आई ड्रॉप्स पर निर्भरता कम कर देती है।

डाइट से दें आंखों को रोशनी

डायबिटीज मरीज आंखों को हेल्दी रखने के लिए डाइट का ध्यान रखें। डाइट में मौसमी हरी सब्जियों का सेवन करें आंखों को पर्याप्त पोषण मिलेगा।  ल्यूटिन, ज़ीएक्सैंथिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों के लिए बेहद फायदेमंद हैं, इन पोषक तत्वों की प्राप्ति के लिए आप डाइट में सरसों का साग, पालक, चौलाई जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं, रेटिना को मजबूत मिलेगी। डाइट में अलसी, अखरोट और भिगोए हुए चिया सीड्स का सेवन करें आंखों की सूजन कम होगी और नाज़ुक रक्त नलिकाओं की हिफाजत होगी। ये डाइट आपकी बॉडी को हेल्दी रखने के साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ाएगी।

आंखों की हल्की मालिश करें

डायबिटीज़ के मरीजों में आंखों के आसपास ब्लड फ्लो अक्सर कम हो जाता है। साफ हाथों से बंद पलकों पर हल्की-हल्की गोलाई में मालिश करना माइक्रो-सर्कुलेशन को सुधारता है। इससे आंखों के आसपास की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं, सूजन कम होती है और आंसुओं का प्रवाह बेहतर होता है। यह छोटी-सी आदत ड्राई आई सिंड्रोम को रोकने में भी मदद करती है, जो डायबिटीज़ रोगियों में आम है।

आंखों की मॉनिटरिंग है जरूरी

डायबिटीज के मरीज शुगर लेवल तो मॉनिटर करते हैं, लेकिन आंखों पर ध्यान कम देते हैं। अगर ग्लूकोज़ लेवल नोट करने के साथ आंखों की स्थिति पर भी ध्यान दें तो शुरुआती में ही बीमारी को पकड़ा जा सकता है। अचानक धुंधलापन, फ्लोटर्स दिखना या बारीक अक्षर पढ़ने में दिक्कत होने जैसे इन बदलावों को डायरी में लिखें। यह आदत डॉक्टर को साफ पैटर्न समझने में मदद करती है और समय रहते इलाज संभव हो पाता है। इस तरह आप अपनी आंखों की सुरक्षा पर खुद निगरानी रख सकते हैं।

किस विटामिन की कमी से मसूड़ों और जीभ का हो जाता है बंटाधार, होंठ में पड़ने लगती हैं लकीरे, तुरंत जानकर दूर करें परेशानी। पूरी जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।