डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है, क्योंकि खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हृदय संबंधी समस्याएं, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारियां, अंधापन आदि के जोखिम बढ़ सकते हैं। बता दें कि जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है तो इसके कारण टाइप 1 डायबिटीज की बीमारी होती है, वहीं अगर इंसुलिन हार्मोन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता तो इसके कारण टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में अगर आपको थकान, अधिक प्यास लगना, बार-बार भूख लगना, अधिक पेशाब आना और आंखों की रोशनी धुंधली होना जैसी समस्याएं हो रही हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आप डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त हैं तो हेल्थ एक्सपर्ट्स दवाइयों के साथ-साथ खानपान में बदलाव करने की भी सलाह दे सकते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो कुछ जड़ी-बूटियां हैं, जिनके जरिए डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगल लेवल कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है, उनमें से ही एक है त्रिफला। त्रिफला, हरड़, बेहड़ा और आंवले से मिलकर बनता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
एनसीबीआई (NCBI) सरकारी हेल्थ साइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 45 दिनों तक नियमित तौर पर 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर काबू में आ जाता है। इसके अलावा आप इन तरीकों से त्रिफला का सेवन कर सकते हैं।
सुबह उठकर पिएं काढ़ा: रात को डेढ़ चम्मच त्रिफला पाउडर को एक कप पानी में लोहे के बर्तन में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इस पेस्ट में शहद मिलाकर खाली पेट सेवन करें। रोजाना यह उपाय अपनाने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
छाछ के साथ: डायबिटीज के मरीज दोपहर के समय छाछ के साथ मिलाकर भी त्रिफला पाउडर का सेवन कर सकते हैं। इससे ना सिर्फ मधुमेह कंट्रोल रहेगा बल्कि आपका पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहेगा।
देसी घी के साथ त्रिफला: रात को सोने से पहले देसी घी के साथ मिलाकर भी आप त्रिफला पाउडर का सेवन कर सकते हैं। पहले देसी घी में मिलाकर त्रिफला का सेवन कर लें फिर ऊपर से एक गिलास गर्म पानी पी लें।