आज के समय में खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान और तनाव की वजह से पाचन से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। ऐसे में आयुर्वेद में बताया गया एक पुराना और भरोसेमंद उपाय है त्रिफला चूर्ण। आयुर्वेद में इसे एक बहुउपयोगी औषधि माना गया है, जो शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाने में मदद करता है। त्रिफला तीन फलों—हरड़, बहेड़ा और आंवला—के सूखे चूर्ण से मिलकर बनता है। ये तीनों फल अपने-अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं और जब इन्हें एक साथ लिया जाता है, तो इनका असर और भी बढ़ जाता है।

पाचन तंत्र के लिए रामबाण उपाय

यूपी के अलीगढ़ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सरोज गौतम के अनुसार, त्रिफला चूर्ण को कई रोगों का नाश करने वाली औषधि माना गया है। यह कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं में बेहद फायदेमंद है। जो लोग रोज पेट साफ न होने से परेशान रहते हैं, उनके लिए त्रिफला एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है। इसका नियमित सेवन आंतों की सफाई करता है और मल त्याग को नियमित बनाता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में असरदार

त्रिफला में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। खासतौर पर आंवले में मौजूद विटामिन C शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। यह फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करता है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और संक्रमण से बचाव के लिए त्रिफला का सेवन लाभकारी माना जाता है।

त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद

त्रिफला चूर्ण सिर्फ सेहत ही नहीं, बल्कि सुंदरता के लिए भी उपयोगी है। यह त्वचा को अंदर से डिटॉक्स करता है, जिससे पिंपल्स, मुंहासे और झाइयों की समस्या कम होती है। त्रिफला से बना पेस्ट चेहरे पर लगाने से स्किन में प्राकृतिक चमक आती है। वहीं, इसका सेवन करने या बालों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं और समय से पहले सफेद होने की समस्या भी कम हो सकती है।

आंखों की रोशनी और शुगर कंट्रोल में मददगार

आयुर्वेद के अनुसार, त्रिफला आंखों की रोशनी बढ़ाने और आंखों की थकान दूर करने में सहायक होता है। आंखों में जलन, धुंधलापन और पानी आना जैसी दिक्कतों में भी यह लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा, त्रिफला चूर्ण ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। यह मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाकर वजन घटाने में भी सहायक माना जाता है।

कैसे और कब करें त्रिफला का सेवन

आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक, त्रिफला चूर्ण खासतौर पर कब्ज, मोटापा, डायबिटीज, आंखों की कमजोरी और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। बुजुर्गों के लिए भी यह अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह शरीर को धीरे-धीरे डिटॉक्स करता है। आमतौर पर रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी या गर्म दूध के साथ लिया जाता है। हालांकि गर्भवती महिलाएं या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग इसे डॉक्टर की सलाह से ही लें।

डिस्क्लेमर

यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।