आजकल खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते वजन बढ़ना और मोटापा बहुत आम हो गया है। हालांकि, वजन कम करने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय करते हैं। कई लोग शिकायत करते हैं कि वे डाइट और एक्सरसाइज करने के बावजूद वजन नहीं घटा पा रहे। इसके पीछे एक बड़ा कारण स्लो मेटाबॉलिज्म है। बेरियाट्रिक और मेटाबॉलिक सर्जन, डॉ. अरुष सबरवाल के मुताबिक, मेटाबॉलिज्म स्थायी रूप से फिक्स नहीं है, बल्कि यह आपके डेली रूटीन से प्रभावित होता है।
डॉ. अरुष सबरवाल के मुताबिक, जब शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, तो इंसान दिनभर थकान और ब्लोटिंग यानी सूजन महसूस करता है। यह सीधे-सीधे वेट मैनेजमेंट को प्रभावित करता है। हालांकि, इसका कोई तुरंत इलाज नहीं है, लेकिन कुछ छोटी-छोटी आदतें मिलकर बड़ा असर डालती हैं। चलिए आपको बताते हैं इन 7 आदतों को शामिल करके न सिर्फ एनर्जी मिलेगी, बल्कि पाचन और बॉडी कंपोजिशन में भी सुधार देखने को मिलेगा।
हर भोजन में शामिल करें प्रोटीन
प्रोटीन का थर्मिक इफेक्ट ऑफ फूड (TEF) सबसे ज्यादा होता है। इसे पचाने में शरीर ज्यादा कैलोरी खर्च करता है। ऐसे में आहार में लीन मीट, मछली, अंडे, दालें और ग्रीक योगर्ट शामिल करें।
नाश्ता नहीं छोड़ना
सुबह का संतुलित नाश्ता शरीर को संकेत देता है कि वह रात के उपवास के बाद काम करना शुरू करे। ऐसे में नाश्ते में अंडे और होल-ग्रेन टोस्ट या ओट्स और नट्स को शामिल करें।
पर्याप्त पानी पिएं
रिसर्च के मुताबिक, 500 मिलीलीटर पानी पीने से मेटाबॉलिक रेट 10–30% तक बढ़ जाता है। ठंडा पानी पीने से शरीर उसे गर्म करने में अतिरिक्त एनर्जी खर्च करता है। ऐसे में मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के लिए सही मात्रा में पानी पिएं।
वेट ट्रेनिंग
शरीर को कैलोरी बर्निंग मशीन बनाने के लिए वेट ट्रेनिंग करें। वेट ट्रेनिंग या बॉडीवेट वर्कआउट्स से लीन मसल्स बनते हैं और रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है।
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) एक्सरसाइज करने के बाद भी शरीर घंटों तक कैलोरी बर्न करता रहता है। यह तकनीक मेटाबॉलिज्म को तेज करने का कारगर तरीका है।
अच्छी नींद
नींद की कमी लेप्टिन और घ्रेलिन हार्मोन को बिगाड़ती है, जिससे भूख बढ़ती है और मेटाबॉलिज्म धीमा होता है। रोजाना कम से कम 7–9 घंटे की क्वालिटी स्लीप लें।
तनाव कंट्रोल रखें
लगातार तनाव से कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो फैट स्टोरेज को प्रोत्साहित करता है और मेटाबॉलिज्म धीमा करता है। योग, ध्यान और डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकें इसे कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।