Coronavirus in Kids: पिछले करीब डेढ़ साल से दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है। कई देशों में इस वायरस ने काफी तबाही मचायी है। भारत अभी कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित है। हालांकि, इससे बचाव के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया भी जारी है। बता दें कि फिलहाल 18 व इससे अधिक आयुवर्गों के वयस्कों के लिए वैक्सीन की सुविधा दी गई है।
वहीं, 2 साल की उम्र से अधिक वाले बच्चों के लिए टीकाकरण पर भी विचार किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि यदि कोरोना वायरस की तीसरी लहर दस्तक देती है तो ये बच्चों की सेहत को अधिक नुकसान पहुंचाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन बातों को ध्यान में रखकर महामारी के इस समय में बच्चों को सुरक्षित रखा जा सकता है –
क्या हैं बच्चों में कोरोना के लक्षण: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण अधिकतर असिम्प्टोमैटिक होता है यानी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। वहीं, कुछ मामलों में फीवर, जुकाम, सर्दी-खांसी, दस्त और उल्टी, फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। साथ ही, इंफेक्शन ज्यादा होने पर लंबी सांसें, सांस लेने में कठिनाई, ऑक्सीजन लेवल में गिरावट, आलस्य और सीजर्स पड़ सकते हैं।
इन चीजों को दें बढ़ावा: स्वास्थ्य विशेषज्ञ भविष्य में कोरोना के बढ़ते-घटते प्रकोप के लिए खुद को तैयार करने के प्रयास में हैं। कई राज्यों में लॉकडाउन व कड़े प्रतिबंध हैं, हालांकि, कुछ समय बाद जब चीजें सामान्य होंगी तो भी भीड़भाड़ वाले इलाकों जैसे कि मॉल, मार्केट, फैमिली फंक्शन में बच्चों को ले जाने से बचें। कई अध्ययनों में इस बात का खुलासा हो चुका है कि ये वायरस हवा में भी मौजूद हो सकता है, ऐसे में बच्चों को डबल मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने और साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित करें।
ध्यान में रखें ये बातें: 2 साल या उससे कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं पहनने के लिए कहा गया है। वहीं, छोटे बच्चे लगातार इन्हें लगाकर रख भी नहीं सकते हैं। ऐसे में बच्चे वयस्कों से कम सुरक्षित होते हैं। इसलिए बच्चों की जीवन शैली और खानपान का ध्यान रखकर उनका बचाव किया जा सकता है। बच्चों की डाइट में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, डी, कैल्शियम, जिंक व अन्य पोषक तत्वों के सोर्स को शामिल करें। साथ ही भरपूर पानी पिलाएं और छोटे व हल्के व्यायाम करने को कहें।
