लिवर हमारी बॉडी का अहम अंग है जो 500 से अधिक बॉडी के जरूरी काम करता है। ये ब्लड को फ़िल्टर करता है और पित्त का उत्पादन करता है। लिवर की बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस, सिरोसिस या फैटी लिवर जैसी स्थितियों के कारण लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। लिवर में होने वाली कुछ भी परेशानी होने पर हमारी बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते है। आपको जानकर हैरानी होगी कि लिवर की खराबी के लक्षण पैरों में दिखते हैं। WeTreatFeet Podiatry के पॉडियाट्रिस्ट्स के मुताबिक ऐसे कई मरीज देखने को मिले हैं जिनके पैरों में लिवर की खराबी के लक्षण देखने को मिले है।
डॉ. एरिक बर्ग के मुताबिक, लिवर खराब होने पर लगातार थकान महसूस होना, भूख में कमी आना, मितली या उल्टी होना, नींद न आना, शरीर में कमजोरी और सुस्ती होना और तेजी से वजन घटने जैसे लक्षण दिखते हैं। लेकिन लिवर की खराबी के कुछ लक्षण पैरों में भी दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं कि लिवर की परेशानी होने पर पैरों में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।
पैरों और एड़ियों में सूजन (Peripheral Edema) होना
लिवर की कमज़ोर कार्यप्रणाली से शरीर में अतिरिक्त तरल और टॉक्सिन जमा होने लगते हैं, जिससे पैरों और एड़ियों में सूजन आती है। सिरोसिस में पोर्टल हाइपरटेंशन के कारण रक्त वाहिकाओं से लिक्विड रिसता है। यह सूजन आमतौर पर मुलायम होती है और दबाने पर इसमें 1-2 मिनट तक डिंटेशन रहती है।
लगातार खुजली होना
अगर एड़ियों और तलवों में तेज खुजली है तो यह लिवर की समस्या का संकेत हो सकती है। प्राइमरी बिलियरी सिरोसिस, प्राइमरी स्क्लेरोसिंग कॉलेंजिटिस या हेपेटाइटिस C में बाइल डक्ट ब्लॉकेज से बाइल शरीर में जमा होकर खुजली पैदा करता है।
सुन्नपन और झुनझुनी (Paresthesia)
लिवर की बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस C और शराब लिवर डिजीज में नसों को नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन महसूस हो सकता है। टॉक्सिन नसों पर असर डालते हैं, जिससे न्यूरोपैथी होती है।
स्पाइडर एंजियोमा
इस स्थिति में पैरों पर छोटी, मकड़ी जैसे रक्त वाहिकाएं दिखाई देती है, जिन्हें स्पाइडर एंजियोमा कहते हैं। तीन से ज्यादा दिखाई दें तो लिवर डिजीज का संकेत हो सकता है। यह एस्ट्रोजन स्तर बढ़ने से बनती हैं, खराब लिवर इसे सही से मेटाबोलाइज्ड नहीं कर पाता।
पैरों और टांगों में लाल और भूरे दाने
पैरों और टांगों पर लाल या भूरे चमकदार दाने लिवर की खराब परिसंचरण का संकेत हो सकते हैं। लिवर डिजीज में रक्त परिसंचरण प्रभावित होता है, जो त्वचा पर दिखता है।
एड़ियों में दरारें होना
लिवर में परेशानी होने पर बॉडी में पोषण की कमी होती है, जिससे एड़ियों में दरारें बन सकती हैं। विटामिन B3 और ओमेगा-3 की कमी के कारण ये दरारें सामान्य उपचार से ठीक नहीं होती।
पैर और जोड़ों में दर्द होना
सिरोसिस और फैटी लिवर जैसी स्थितियों में शरीर में सूजन और सूजन से पैर और जोड़ों में दर्द हो सकता है। कभी-कभी यह न्यूरोपैथी और सुन्नपन के साथ भी जुड़ा होता है।
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