Yoga for High BP Patients: बताया जाता है कि दुनिया भर में हाइपरटेंशन के करीब 1.13 बिलियन मरीज हैं। वहीं, सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत की करीब 40 प्रतिशत शहरी आबादी हाइपरटेंशन की समस्या से ग्रस्त है। ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत आम है, लेकिन अगर इसे गंभीरता से न लिया जाए समस्या गंभीर हो जाती है। योग स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है जो शरीर को लचीला और हेल्दी रखने में मदद करता है। तनाव से मुक्ति पाने के लिए योग और ध्यान कागगर साबित होता है। आइए जानते हैं ऐसे योगासनों के बारे में जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक साबित होते हैं –

त्रिकोणासन: इस आसन को ट्राइ-एंगल पोज भी कहते हैं जो दिल की नाड़ियों को आराम देते हैं और उन्हें खोलते हैं। इससे पूरे शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। दोनों पैरों को फैलाकर सीधे खड़े हो जाएं। हाथों को कंधों के बराबर खोलें और फिर सांस अंदर भरते हुए बाएं हाथ को सामने की तरफ से दाएं पैर के पंजे के पास जमीन पर लगाएं।

इस मुद्रा में आपका दूसरा हाथ ऊपर आसमान की तरफ और गर्दन भी ऊपर की तरफ होनी चाहिए। फिर सांस छोड़ते हुए शुरुआती मुद्रा में आ जाएं। इसके बाद दूसरी साइड से भी ये प्रक्रिया दोहराएं।

उज्जायी प्रणायाम: स्ट्रेस दूर करने के लिए उज्जायी प्रणायाम का लाभदायक होता है। इसके नियमित अभ्यास से ब्लड प्रेशर का स्तर नियंत्रित रहता है। साथ ही, दूसरे हृदय रोगों का खतरा भी उज्जायी प्रणायाम करने से कम होता है।

इस प्रणायाम को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर सुखासन की मुद्रा में बैठें। आंख बंद करें और अपने मसूड़ों व जीभ को रिलैक्स करें। नाक से गहरी सांस लें और पूरे फेफड़े में ऑक्सीजन भर लें। अब जब तक हो सके सांस को रोकें फिर बाहर छोड़ते हुए गले से खर्राटें की आवाज निकलने की कोशिश करें।

शीतली प्राणायाम: विशेषज्ञों के अनुसार जब लोगों को बेचैनी जैसा महसूस हो तो ये आसन करना मददगार साबित हो सकता है। साथ ही इस आसन को करने से रक्तचाप को कम करने में भी मदद मिलती है। शीतली प्राणायाम पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियों को कम करने में भी सक्षम है।

आसन बिछाकर सिद्धासन या फिर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपनी जीभ को बाहर निकालकर पाइप की आकार दें। फिर इसके जरिये धीरे से सांस अंदर खींचे, जब पेट में ऑक्सीजन भर जाए तो मुंह बंद करें। कुछ देर सांस रोकें और फिर गर्दन को सीधा कर नाक के जरिये बेहद धीमे से सांस छोड़ें।

इसके अलावा, वीर भद्रासन और हिंदोलासन जैसी योग अभ्यासों को करने से भी फायदा होगा।