आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को सबसे ज्यादा शिकायत नींद न आने की रहती है। थकान के बावजूद सोने में कठिनाई, बिस्तर पर करवटें बदलना, या फिर दिमाग का लगातार सक्रिय रहना। ये सभी कारण नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। पर्याप्त नींद न मिलने से अगला पूरा दिन थकान, चिड़चिड़ापन और तनाव से भर जाता है। दरअसल, आज के समय में रात में देर तक जागना और सुबह देर से उठना अधिक हो गया है, जिसके चलते बॉडी क्लॉक बिगड़ने लगा है और इससे नींद प्रभावित हो जाती है।

योग विशेषज्ञ डॉ. हंसाजी योगेंद्र के मुताबिक, बदलती लाइफस्टाइल और खानपान के चलते तनाव बहुत ही आम समस्या बन चुका है। मानसिक तनाव का बुरा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिसके चलते कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में योगासन इस समस्या का बेहतरीन समाधान है। योग न सिर्फ शरीर की जकड़न और थकान दूर करता है, बल्कि मन को भी शांत करता है।

वज्रासन

वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन है, जिसे खाने के बाद भी किया जा सकता है। यह पाचन को दुरुस्त करता है और पेट में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। वज्रासन करने से एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। दिनभर बैठने से होने वाले लोअर बैक पेन में भी आराम मिलता है। वज्रासन करने के लिए घुटनों के बल बैठकर एड़ी के बीच की जगह में कूल्हों को टिकाएं। रीढ़ को सीधा रखें और हाथों को घुटनों पर रखें। आंखें बंद करके कुछ मिनट गहरी सांस लें।

यष्टिकासन

यह आसन शरीर और मन को पूरी तरह से रिलैक्स करता है। रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच देता है और पीठ दर्द में राहत पहुंचाता है। इसके साथ ही यह शरीर की मांसपेशियों की जकड़न और तनाव को कम करता है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को सीधा रखें। दोनों हाथों को सिर के ऊपर फैलाएं और पंजों को नीचे की ओर स्ट्रेच करें।

विपरीतकरणी

यह आसन गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव का उल्टा असर दिखाता है और शरीर के ऊपरी हिस्से के अंगों को लाभ पहुंचाता है। इससे गर्दन, धड़ और पैरों में स्ट्रेच मिलता है। इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिमाग शांत होता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाएं। हाथों से पीठ को सहारा दें और आराम से पोज बनाए रखें। अपनी क्षमता के अनुसार 30 सेकंड से 2 मिनट तक इस आसन में रहें।

ध्रढ़ासन में लेग लिफ्ट

दिनभर बैठने और गलत मुद्रा के कारण पैरों और कमर की मांसपेशियों में जकड़न हो जाती है। यह आसन उन्हें राहत देता है। पैरों की थकान और घुटनों या टखनों के दर्द को कम करता है। यह शरीर को खिंचाव प्रदान करता है, जिससे मांसपेशियों की जकड़न और बेचैनी से राहत मिलती है जो हमें अच्छी नींद लेने से रोकती है। इस आसन को करने से पीठ के बल लेटकर एक-एक करके पैर उठाएं। हर बार 10 सेकंड तक रोकें और धीरे-धीरे नीचे लाएं।

भद्रासन

यह आसन मन को शांत करता है और पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। यह जांघों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है। इस आसन से मानसिक तनाव और बेचैनी दूर होती है। भद्रासन करने के लिए लेटकर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और तलवे आपस में मिलाएं। घुटनों को धीरे-धीरे नीचे की ओर दबाएं। हाथों को पेट पर रखकर सामान्य सांस लें।

वहीं, जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, खराब लाइफस्टाइल के कारण तनाव होता है और इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।