Diabetes Risk: मेटाबॉलिक इम्बैलेंस के कारण होने वाली बीमारियों में सबसे आम है डायबिटीज। लेकिन इसके मरीजों को कई दूसरी स्वास्थ्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। ब्लड ग्लूकोज जिसे ब्लड शुगर भी कहते हैं, जब शरीर में उसकी अधिकता हो जाती है तो ये बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है।

बता दें कि ग्लूकोज एनर्जी का मुख्य स्रोत होता है जो भोजन के जरिये शरीर को प्राप्त होता है। पैन्क्रियाज से इंसुलिन निकलता है जो खाने में मौजूद ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाता है जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। लेकिन डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों के शरीर में इंसुलिन नहीं या फिर कम मात्रा में बनता है।

ये 5 तरह के लोग रखें खास ख्याल: टाइप 2 डायबिटीज को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये मधुमेह का सबसे कॉमन रूप है। उनके मुताबिक इन 5 तरह के लोगों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है।

– जिन लोगों की उम्र 45 साल या उससे अधिक है
– जिनके परिवार में पहले से कोई डायबिटीज रोगी हो
– अधिक वजनदार
– शारीरिक असक्रियता
– हाई ब्लड प्रेशर या दूसरी बीमारियों के मरीज

कितने प्रकार की होती है ये बीमारी: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज के मुख्य 3 प्रकार होते हैं। टाइप 1 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन नहीं बना पाता है। आपका इम्युन सिस्टम अग्नाशय (पैन्क्रियाज) की कोशिकाओं पर हमला करता है और इन्हें क्षतिग्रस्त कर देता है। आमतौर पर ये बीमारी छोटे बच्चों और युवाओं में देखने को मिलती है।

वहीं, डायबिटीज टाइप 2 में मरीजों का शरीर या तो इंसुलिन बना नहीं पाता है या फिर इस्तेमाल नहीं कर पाता। ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। अधिकांश तौर पर मध्यम-उम्र और बुजुर्गों में ये बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है।

इसके अलावा, गर्भावधि मधुमेह भी डायबिटीज का एक प्रकार है। जेस्टेशनल डायबिटीज महिलाओं को तब अपनी चपेट में लेती है जब वो प्रेग्नेंट रहती हैं। ये बीमारी ज्यादातर शिशु के जन्म के साथ चली जाती है। लेकिन जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण भविष्य में भी टाइप 2 मधुमेह का खतरा होता है।

इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा: मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसमें अगर लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़े रहता है तो ये शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है। इस वजह से लोगों में अन्य बीमारियों से घिरने का खतरा बढ़ा है।

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