खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव तेजी से लोगों को पेट के रोगों का शिकार बना रहा है। भारत में पेट से संबंधित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक, शहरी भारत में हर 10 में से 7 लोग पेट की समस्याओं से पीड़ित हैं। पाचन से जुड़ी परेशानियों में ज्यादातर लोग पेट की गैस, कब्ज, एसिडिटी, अपच और खाने के बाद वोमिटिंग से परेशान रहते हैं। क्या कभी ऐसा होता है कि खाने के बाद पेट भारी-भारी लगे, कपड़े टाइट लगें और बैठने में भी असहजता महसूस हो? कई लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ अपच है, लेकिन यह पेट फूलना पेट में गैस जमा होने का एक आम कारण हो सकता है। काम की भागदौड़ में हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हम क्या खा रहे हैं, कब खा रहे हैं। फिर शरीर इस पर प्रतिक्रिया करता है। ऐसा लगता है जैसे शरीर में कुछ अटका हुआ है, वह हिल नहीं रहा है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इस समस्या को बिना दवा के कंट्रोल किया जा सकता है।

हार्वर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी के अनुसार, खानपान में छोटे-छोटे बदलाव पेट को हल्का, आरामदायक और स्वस्थ रख सकते हैं। कुछ प्राकृतिक फूड्स पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, गैस कम करते हैं और शरीर में सूजन कम करते हैं। चलिए आपको बताते हैं किन फूड्स के सेवन से पाचन तंत्र मजबूत बनाया जा सकता है।

पपीता

पपीते में पपेन नामक एक एंजाइम होता है, जो प्रोटीन को तोड़ता है और पाचन क्रिया को सुचारू रखता है। भोजन के बाद थोड़ा सा पपीता खाने से आपको भारीपन महसूस नहीं होता और आपकी आंतें हल्की महसूस होती हैं। कुछ शोधों में पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से पपीता खाते हैं, उन्हें कब्ज और पेट फूलने की समस्या काफी कम होती है। पपीता गर्मी में ठंडक भी पहुंचाता है।

सौंफ

खाना खाने के बाद थोड़ी सी सौंफ चबाने से पेट की गैस निकल जाती है और पेट फूलना कम होता है। सौंफ में मौजूद तेल पाचन तंत्र की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे गैस और भारीपन दोनों कम होते हैं। इंग्लैंड के NIH के एक अध्ययन के अनुसार, सौंफ का तेल IBS (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) के रोगियों के लिए भी लाभकारी पाया गया है। सौंफ के दोनों रूप, गर्म पानी या चाय, पाचन के लिए अच्छे होते हैं।

खीरा

खीरा गर्मियों के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार है। इसमें लगभग 90 प्रतिशत पानी होता है, जो शरीर से अतिरिक्त नमक और विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिन को बाहर निकालता है। इससे पानी का जमाव और सूजन कम होती है। खीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंतों की सूजन को भी कम करते हैं। अपने रोजाना के सलाद या छोटे नाश्ते में खीरा शामिल करने से आपका पेट हल्का और ठंडा रहता है।

वहीं, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने टॉप 10 गट-फ्रेंडली स्नैक्स शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि ये हेल्दी स्नैक्स पेट को हल्का रखते हैं, डाइजेशन को सपोर्ट करते हैं और एनर्जी लेवल को स्टेबल बनाए रखते हैं।